हेल्दी फूड : इम्युनिटी मजबूत बनाए हरा लहसुन, जानें इसकी इन 7 खूबियों के बारे में
घर-घर इस्तेमाल किये जाने वाले लहसुन से तो अमूूमन हर कोई वाकिफ होता है। लेकिन सर्दी के मौसम में आने वाले ग्रीन लहसुन यानी उसके पत्ते और कच्चे बल्ब भी खासा प्रचलन में रहते हैं। लहसुन जहां खाने में...
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लहसुन की अपनी अनेक खूबियां हैं, लेकिन ग्रीन लहसुन कुछ अन्य खूबियां भी समेटे है। ग्रीन लहसुन के ऐसे अनेक फायदों के बारे में विशेषज्ञों से बातचीत कर विस्तृत जानकारी दे रही हैं रजनी अरोड़ा घर-घर इस्तेमाल किये जाने वाले लहसुन से तो अमूूमन हर कोई वाकिफ होता है। लेकिन सर्दी के मौसम में आने वाले ग्रीन लहसुन यानी उसके पत्ते और कच्चे बल्ब भी खासा प्रचलन में रहते हैं। लहसुन जहां खाने में लगने वाले तड़के की जान है, वहीं थोड़ा कम तीखे स्वाद वाला ग्रीन लहसुन खाने के स्वाद को दोगुना कर देता है। चाहे किसी भी रूप में सेवन किया जाए, खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ अपने औषधीय गुणों के कारण स्वास्थ्य की रखवाली भी करता है। इसमें विटामिन-सी और बी, मैंगनीज, फॉस्फोरस, सेलेनियम, मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों के साथ कई एंटी ऑक्सिडेंट, एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल और माइक्रोबियल गुण भी पाए जाते हैं।
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करे इम्यून सिस्टम को बूस्ट : ग्रीन लहसुन में मौजूद सल्फ्यूरिक और ऑर्गेनिक एसिड युक्त एलिसिन कंपाउंड हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर करने के साथ-साथ कई बीमारियों से भी बचाव करता है। किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव करने, सूजन, दर्र्द और बदलते मौसम में होने वाली एलर्जी को कम करने में सुरक्षागार्ड का काम करता है। अगर आप सर्दी-जुकाम या किसी भी प्रकार के फंगल संक्रमण से जूझ रहे हैं, तो नियमित रूप से सलाद या खाने में ग्रीन लहसुन को शामिल करना फायदेमंद साबित होगा।
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पाचन तंत्र रहे दुरुस्त : एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ग्रीन लहसुन का नियमित सेवन पेट में किसी भी तरह की सूजन, जलन और दर्द को शांत करने में सहायक है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट तत्व पेट में बैक्टीरियल बैलेंस को बनाए रखते हैं, जो पेट की गड़बड़ियों को दूर कर पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं।
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आयरन के अवशोषण में मददगार : एनीमिया या रेड ब्लड सेल्स की कमी वाले व्यक्तियों के लिए नियमित दिनचर्या में ग्रीन लहसुन का सेवन फायदेमंद है। इसकी सहायता से बढ़ने वाला एक तरह का प्रोटीन फेरोपोर्टिन ब्लड सेल्स में आयरन के अवशोषण और रिलीज या चयापचय में मदद करता है। शरीर में आयरन के स्तर में बढ़ोतरी होने से ब्लड काउंट में सुधार होता है।
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जोड़ों के दर्द में दे आराम : विटामिन-सी, मिनरल्स और एंटी ऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर लहसुन के नियमित सेवन से शरीर के सभी ऑर्गन्स में रक्तसंचार बेहतर होता है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में ज्यादा वायु या गैस बनने से रक्तसंचार कम होता है, हाथ-पैरों में दर्द रहता है। लहसुन में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सिडेंट तत्व शरीर से वायु दोष के निवारण में मदद करते हैं, जिससेे सभी ऑर्गन्स में रक्तसंचार बेहतर होता है। हाथ-पैरों में दर्द और सूजन कम हो जाती है।
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दिल का दोस्त : ग्रीन लहसुन में मौजूद पॉली सल्फाइड कंपाउंड हृदय की धमनियां खोलने और खून के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे हृदय कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रहता हैं। इसमें मौजूद मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे खनिज शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के स्तर को बढ़ातेे हैं, वहीं एलिसिन सल्फर कंपाउंड बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के स्तर को कम करने में मदद करता है। ग्रीन लहसुन के नियमित सेवन से बीपी को भी नियंत्रित रखना आसान हो जाता है, जो हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की एक बड़ी वजह है।
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शरीर को करे डिटॉक्सीफाई : मूत्रवर्धक प्रकृति का होने के कारण ग्रीन लहसुन का नियमित सेवन शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकाल कर हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। खासकर यह किडनी, लिवर और ब्लड प्यूरिफायर का काम करता है। मोटे शरीर वाले लोगों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है।
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कैंसर की करे रोकथाम : एलिसिन एंटी ऑक्सिडेंट से भरपूर ग्रीन लहसुन के नियमित सेवन से सेल्युलर म्यूटेशन और कैंसर सेल्स के विकसित होने का खतरा कम होता है। शोधों से साबित हो गया है कि लहसुन का सेवन किडनी, लंग्स, मुंह, प्रोस्टेट और गले के कैंसर के विकास को रोकने में मदद करता है। (फोर्टिस हॉस्पिटल की क्लीनिकल न्यूट्रीशियन डॉ. चेतना बंसल से की गई बातचीत पर आधारित)