भारतीय समाज में एक हाउसवाइफ वो बुनियाद होती है जिसके बलिदानों और कड़ी मेहनत के सहारे पर पूरा परिवार मजबूती से खड़ा हो पाता है। लेकिन फिर भी ज्यादातर वक्त उस औरत को ना तो इस सबके लिए तारीफ मिलती है और ना ही उसका अधिकार। कभी भी उसके बलिदानों की सही कीमत नहीं लगाई जाती। जानिए भारतीय हाउसवाइफ्स की जिंदगी को दिखाती कुछ हिलाकर रख देने वाली फिल्मों के बारे में।
सालों तक अपनी जिंदगी परिवार के नाम करने के बाद जब एक औरत अपना खुद का कुछ काम करना चाहती है तो उसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? कैसे मर्द का ईगो औरत की कामयाबी के आड़े आता है, इसी बारे में बात करती है विद्या बालन की फिल्म तुम्हारी सुलु
साल 2020 में रिलीज हुई फिल्म 'थप्पड़' की कहानी असल में एक औरत के आत्मसम्मान की लड़ाई की कहानी है। तापसी पन्नू स्टारर इस फिल्म की IMDb रेटिंग 7 है।
आलिया भट्ट, शेफाली शाह और आलिया भट्ट की फिल्म 'डार्लिंग्स' एक अब्यूजर पति की कहानी है जो कई सालों के अपनी पत्नी के साथ फिजिकल और मेंटल वॉयलेंस कर रहा है। ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई इस फिल्म की कहानी झकझोर कर रख देती है।
साल 2015 में रिलीज हुई फिल्म 'पार्च्ड' कई कारणों से चर्चा में रही थी। फिल्म गांव की औरतों के बीच बच्चों-शादी और डॉमेस्टिक अब्यूज जैसे कई अहम मुद्दों पर बात करती है। इसकी IMDb रेटिंग 7.5 है।
साल 2000 में रिलीज हुई तब्बू और सचिन खेड़ेकर स्टारर फिल्म 'अस्तित्व' आपको अमेजन प्राइम वीडियो पर मिल जाएगी। फिल्म की कहानी समाज में औरतों के प्रति रखे जाने वाले दोहरे बर्ताव पर खुलकर बात करती है।
'इंग्लिश विंग्लिश' हर आम औरत की कहानी है जिसे उसके किचन में ही सीमित करके रख दिया जाता है और फिर उसे इसी बात के लिए कटाक्ष भी सुनने पड़ते हैं कि वह मॉर्डन नहीं है। दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी की यह फिल्म आपको सोचने पर मजबूर कर देती है। फिल्म की IMDb रेटिंग 7.8 है।
साल 2025 में जी-5 पर रिलीज हुई फिल्म 'मिसेज' हर उस महिला की कहानी है जिसे सुनहरे सपने दिखाकर एक अनजान शख्स के साथ शादी के बंधन में बांध दिया जाता है। लेकिन बाद में उसे पता चलता है कि वह एक अब्यूजर के साथ फंस गई है जिसके साथ वो बस नाम की पत्नी है, लेकिन घर में उसकी हैसियत सिर्फ एक नौकरानी की है।