बात साल 2003 की है। उस समय अमरीश पुरी फिल्म हिमाचल प्रदेश में फिल्म 'जाल: द ट्रैप' की शूटिंग कर रहे थे। इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान एक हादसा हो गया। इस हादसे में अमरीश पुरी को चेहरे और उनकी आंख के पास गहरी चोटें आई थीं।

इस घटना से लगी चोट से उनके शरीर से पानी की तरह खून बह चुका था। उन्हें इमरजेंसी में हॉस्पिटल में एडमिट किया गया और डॉक्टर्स ने खून चढाने की बात कही। इसी दौरान गड़बड़ हो गई। इस बारे में अमरीश पुरी के बेटे राजीव पुरी ने मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में बात की थी।

राजीव पुरी के मुताबिक इस घटना के बाद अमरीश पुरी को शायद इन्फ़ैक्टेड खून चढ़ा दिया गया। कुछ महीनों बाद इस बारे में जानकारी मिली। इस गलती की वजह से अमरीश पुरी को ब्लड डिसॉर्डर हो गया, जिसे मेडिकल भाषा में माइलोडिस्पास्टिक सिन्ड्रॉम कहा जाता है।

कुछ ही महीनों बाद अमरीश पुरी को शारीरिक थकान, कमजोरी महसूस होने लगी। वो खाना नहीं खाते थे। उनकी भूख मर गई थी। इस बीमारी से वो तकलीफ में रहे। लेकिन किसी को इस बारे में भनक तक नहीं होने दी।

अमरीश पुरी बीमार रहने लगे। लेकिन उन्हें घर में बिस्तर पर पड़े रहना पसंद नहीं था। इसलिए वो शूटिंग सेट पर ही समय बिताना पसंद करते। उन्होंने 2004 तक किसी को बिना जानकारी दिए अपनी सारी फिल्मों की शूटिंग पूरी की।

अमरीश पुरी मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। उनका शरीर पहले जैसा काम नहीं कर रहा था। लेकिन परिवार में वो किसी को इस बारे में नहीं बताते थे। एक दिन तो उनकी तबीयत बिगड़ी और वो खड़े-खड़े ही गिर गए। उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था।

हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान वो कोमा में चले गए और सबसे बुरा दिन तब आया जब उन्होंने इस दुनिया को ही अलविदा कह दिया। 12 जनवरी 2005 को एक्टर ने अपनी आखिरी सांस ली।
