1/7वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिनभर बाहर की धूल और नकारात्मक ऊर्जा पैरों में जमा होती है। बिना धोए सोने से यह ऊर्जा घर और शरीर में फैलती है, जिससे मानसिक तनाव और अशांति बढ़ती है। ऐसे में रात में सोने से पहले हमेशा अपने पैरों को जरूर धोएं।

हिंदू शास्त्रों में शरीर के ऊर्जा चक्र (चक्रा) सोते समय बंद होते हैं। बिना पैर धोए सोने से ये चक्र असंतुलित रहते हैं। पानी के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक गुण ऊर्जा को संतुलित करते हैं। बेडरूम में आने से पहले पैरों को जरूर धोएं और सोने से पहले इष्ट देव का ध्यान करें।

वैज्ञानिक दृष्टि से, पैरों में बैक्टीरिया और पसीना जमा होता है, जो बिना धोए बिस्तर में फैल सकता है। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हमेशा सोने से पहले पैरों को अच्छे से साफ करें। ऐसा करने से बैक्टीरिया का खतरा नहीं रहता है।

वास्तु और ज्योतिष के अनुसार, बिना पैर धोए सोने से शरीर का तापमान असंतुलित रहता है, जिससे थकान और मानसिक तनाव बढ़ता है। पैर धोना तनाव कम करता है और शांति देता है।

रात में बिना पैर धोए सोने से नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। नकारात्मक ऊर्जा और बैक्टीरिया मानसिक अशांति लाते हैं। वास्तु में पैर धोना शुद्धता और अच्छी नींद का प्रतीक है। सोने से पहले केवल पैर धोना ही जरूरी नहीं है, बल्कि अपने बिस्तर की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दें।

वास्तु में घर को मंदिर माना जाता है। बाहर से आने पर जूते-चप्पल घर के बाहर उतारें। घर में जूते-चप्पल अंदर लाने से नेगेटिविटी बढ़ती है। अगर आप जूते-चप्पल घर के बाहर ही निकालते हैं, तो यह नकारात्मक ऊर्जा और बैक्टीरिया को रोकता है।

रात में पैर धोना वास्तु और ज्योतिष में शुभ है। यह नकारात्मक ऊर्जा, बैक्टीरिया और तनाव को दूर करता है, नींद और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। वास्तु नियमों से घर में सकारात्मकता और समृद्धि लाएं। डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए वास्तुशास्त्र विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)
