धन संपदा के कारक गुरु राशि परिवर्तन की तरह नक्षत्र परिवर्तन भी करते हैं। गुरु के नक्षत्र परिवर्तन का कुछ राशियों पर शुभ तो कुछ राशियों पर अशुभ प्रभाव पड़ता है। गुरु 20 अगस्त को मृगशीर्ष नक्षत्र में गोचर करेंगे। इस नक्षत्र के स्वामी मंगल हैं। मृगशीर्षा को मृगशिरा या मृगशिर नक्षत्र भी कहा जाता है।
गुरु इस नक्षत्र में 28 नवंबर तक विराजमान रहेंगे। आपको बता दें कि इस साल रक्षा बंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा। ऐसे में गुरु का नक्षत्र गोचर रक्षा बंधन के ठीक एक दिन बाद होगा। गुरु के नक्षत्र परिवर्तन से कुछ राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
गुरु के मृगशीर्ष नक्षत्र में गोचर करने से वृषभ राशि वालों की परेशानी बढ़ेगी। इस अवधि में आपको आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
कार्यस्थल पर सीनियर्स आपके काम से नाखुश हो सकते हैं। इस अवधि में आप मानसिक तनाव महसूस कर सकते हैं। इस अवधि में आपको कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता प्राप्त करने में मुश्किलें आएंगी।
तुला राशि वालों के लिए गुरु का नक्षत्र परिवर्तन टेंशन बढ़ा सकता है। गुरु नक्षत्र परिवर्तन की अवधि में आप पैसों से जुड़े मामलों में विशेष सावधानी बरतें। पारिवारिक जीवन में उठा पटक हो सकती है।
मानसिक तनाव बढ़ सकता है। आर्थिक रूप से आप कमजोर हो सकते हैं। खर्च की अधिकता से मन परेशान रहेगा। अज्ञात भय सताएगा। परिवार का सहयोग न मिलने से भी परेशान रहेंगे।
गुरु नक्षत्र गोचर से कुंभ राशि वालों को धन हानि हो सकती है। इस अवधि में किसी को रुपए-पैसे उधार न दें और न ही निवेश करें। महत्वपूर्ण निर्णय फिलहाल के लिए टाल दें।
कुंभ राशि के नौकरी पेशा करने वालों के लिए यह समय अच्छा नहीं है। सेहत को लेकर सतर्कता बरतें। रिश्तों में अनबन हो सकती है। इस समय जीवनसाथी की बात को नजरअंदाज करने से बचें।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।