भगवान श्रीगणेश को समर्पित पर्व गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान श्रीगणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भक्त गणपति बप्पा को घरों में विराजित करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए लोग मोदक, दूर्वा समेत उनकी प्रिय चीजें अर्पित करते हैं। इसके अलावा भक्त संकट नाशन गणेश स्तोत्र का जाप करते हैं। इस स्तोत्र की महत्ता नारद जी ने नारद पुराण में बताई है। इस स्त्रोत में नारद ऋषि भगवान गणेश की स्तुति और उनके गुणों का वर्णन कर रहे हैं। आप भी पढ़ें संकट नाशन गणेश स्तोत्र-
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् । भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुः कामार्थसिद्धये ।।1।। प्रथमं वक्रतुडं च एकदन्तं द्वितीयकम् । तृतीयं कृष्णपिंगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम् ।।2।। लम्बोदरं पंचमं च षष्ठ विकटमेव च । सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णं तथाष्टमम् ।।3।। नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम् । एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम् ।।4।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः । न च विध्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम् ।।5।। विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् । पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।। जपेग्दणपतिस्तोत्रं षड् भिर्मासैः फ़लं लभेत् । संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशयः ।।7।। अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत् । तस्य विद्या भवेत् सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ।।8।।
भगवान गणेश बुद्धि व सौभाग्य का देवता माना गया है। नारद पुराण के अनुसार, गणेश स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की विघ्न-बाधाएं दूर होती है। इस मंत्र का नियमित पाठ करने से भगवान गणेश भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इस स्तोत्र का जाप करने से मानसिक व शारीरिक सेहत अच्छी रहती है।