Hindi News फोटो पंचांग-पुराणचैत्र नवरात्रि 2021: उत्तर-पूर्व दिशा में ही क्यों किया जाता है कलश स्थापित, पढ़ लें घटस्थापना से जुड़े नियम

चैत्र नवरात्रि 2021: उत्तर-पूर्व दिशा में ही क्यों किया जाता है कलश स्थापित, पढ़ लें घटस्थापना से जुड़े नियम

देशभर में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि के दौरान चारों तरफ भक्तिभय माहौल रहता है। ज्योतिषाचार्यों...

Saumya Tiwari
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देशभर में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो गए हैं। नवरात्रि के दौरान चारों तरफ भक्तिभय माहौल रहता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, नवरात्रि के दौरान कलश को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। जानिए घटस्थापना से जुड़ी ये बातें-

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घटस्थापना के पहले ही घर के मंदिर या पूजा स्थल की अच्छे से सफाई कर लेनी चाहिए। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान माता रानी का घर में आगमन होता है। ऐसे में मां के आगमन से पूर्व से ही साफ-सफाई कर लेनी चाहिए।

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घटस्थापना करने से पहले घर के मेनगेट के सामने हल्दी या रोली से स्वास्तिक बनाना चाहिए। मान्यता है कि हल्दी से बना स्वास्तिक गुरु ग्रह को और रोली से बना स्वास्तिक शुक्र ग्रह को शुद्ध करता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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घटस्थापना से पहले मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को चंदन या चांदी की चौकी पर स्थापित करना चाहिए। इस चौकी पर लाल कपड़ा अवश्य बिछाना चाहिए। कहते हैं कि लाल रंग सौभाग्य का प्रतीक होता है।

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नवरात्रि का कलश हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। कलश को सुपारी, सिक्का और जल डालकर भरना चाहिए। आप सोने, चांदी या पीतल के कलश के अलावा मिट्टी के कलश का भी प्रयोग कर सकते हैं।

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5 7 9 11

कलश पर अशोक के पत्ते जरूर रखने चाहिए। यह पत्ते शुभ गिनती जैसे 5,7,9,11 आदि में रखने चाहिए। अशोक को दुख (शोक) को हरने वाला पौधा माना जाता है। कहा जाता है नवरात्रि में अशोक के पत्तों का इस्तेमाल करने से विपत्तियों का अंत होता है।

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नवरात्रि के दौरान पूजा स्थल पर अखंड दीपक जलाना चाहिए। अगर आप अखंड दीपक जलाने में असमर्थ हैं तो सुबह और शाम माता रानी के सामने दीपक अवश्य जलाएं।

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