शर्मनाक
नेपाली बच्चों से जुड़ी एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है कि उन्हें धनाढ्य ब्रिटिश घरों को बेचा जा रहा है। यह समाचार ब्रिटिश अखबारों में छपा है। खबरों के मुताबिक, पंजाब के जालंधर में सक्रिय मानव...
नेपाली बच्चों से जुड़ी एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है कि उन्हें धनाढ्य ब्रिटिश घरों को बेचा जा रहा है। यह समाचार ब्रिटिश अखबारों में छपा है। खबरों के मुताबिक, पंजाब के जालंधर में सक्रिय मानव तस्करों द्वारा 10 साल के नेपाली बच्चों को ब्रिटेन ले जाया जा रहा है। ब्रिटेन ले जाए जा रहे इन बच्चों में से ज्यादातर वे बदनसीब हैं, जो पिछले साल आए विनाशकारी भूकंप में यतीम हो गए। भारत के भी गरीब घरों के बच्चे बेचे जा रहे हैं। तस्कर गिरोह इन बच्चों के बदले ग्राहकों से आठ लाख रुपये तक वसूल रहे हैं। ब्रिटिश अखबार सन का कहना है कि देश की गृह सचिव ने इसे एक ‘घिनौना अपराध’ बताया है। उन्होंने अखबार से कहा है कि वह उन्हें और सबूत दें, ताकि इस गिरोह को सलाखों के पीछे भेजा जा सके। मानव तस्कर नेपाली बच्चों, यहां तक कि औरतों को जाल में फंसाते हैं। वे उन्हें यह कहकर ललचाते हैं कि हम खूब सारे शहर घूमेंगे और ढेर सारी खरीदारी करेंगे। इसके बाद उन्हें भारत के विभिन्न शहरों व ब्रिटेन समेत दूसरे देशों में ले जाया जाता है।
इन बच्चों को गुलाम के तौर पर पेश किया जाता है और खरीदार इनमें से चयन करते हैं। यह मानवाधिकारों का जबर्दस्त उल्लंघन है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए। संबंधित विभागों व सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों को इस मर्मांतक खुलासे को गंभीरता से लेना चाहिए। मानव तस्करी प्राय: सीमावर्ती चेकपोस्ट के जरिए ही होता है। इसलिए जो भी सरहद पार कर रहा है, उससे पूछा जाना चाहिए कि क्या वह यह जानता है कि कहां जा रहा है, ताकि इस बर्बर कारोबार पर रोक लग सके। नेपाली बच्चों व औरतों की तस्करी की यह खबर इस बात की तस्दीक करती है कि जिनकी जिम्मेदारी इस तरह के कृत्यों को रोकने की है, वे अधिकारी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं। उनकी काहिली के कारण अनगिनत औरतें और बच्चे विदेशी धरती पर पहुंच जाते हैं और जुल्म भोगने को मजबूर हो जाते हैं। हम ब्रिटिश टैबलॉयड की सराहना करते हैं कि उसकी टीम ने मवेशियों की तरह बिकते नेपाली बच्चों की खबर दुनिया तक पहुंचाई।
द हिमालयन टाइम्स, नेपाल