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मुश्किल अर्थव्यवस्था की ओर

यदि आप संन्यासी का जीवन न जी रहे हों, तो पिछले कुछ हफ्तों से देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से एक के बाद एक आ रही उन रिपोर्टों से जरूर वाकिफ होंगे, जिनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था के लुढ़कने की आशंका...

मुश्किल अर्थव्यवस्था की ओर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 24 Jan 2016 08:46 PM
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यदि आप संन्यासी का जीवन न जी रहे हों, तो पिछले कुछ हफ्तों से देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से एक के बाद एक आ रही उन रिपोर्टों से जरूर वाकिफ होंगे, जिनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था के लुढ़कने की आशंका जाहिर की गई है। मुश्किल यह है कि इस आसन्न संकट की सीमा और प्रकृति को समझना कठिन मालूम हो रहा है।

इन हालात की भविष्यवाणी करने वाले विश्लेषकों का मानना है कि हम लोग एक ऐसे संकट के मुहाने पर हैं, जिसका असर 2008-09 की मंदी से भी व्यापक व गहरा होगा। उनका यह भी कहना है कि केंद्रीय बैंकों ने अपनी-अपनी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में अरबों झोंके हैं, लिहाजा उनकी ओर से अब और अधिक निवेश की संभावना बहुत कम है।

वैश्विक हालात देखें, तो कच्चे तेल की कीमत अब भी 2003 के बाद के अपने सबसे निचले स्तर पर है और वैश्विक बाजार इससे हलकान है। हर दिन की वास्तविक जरूरत से लगभग दस लाख बैरल ज्यादा कच्चे तेल का उत्पादन हो रहा है। इतना ही नहीं, प्रतिबंध खत्म होने के बाद अपनी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए ईरान भी अब रोजाना पांच लाख बैरल तेल का उत्पादन शुरू करने वाला है। वहीं, चीन से आए नए आंकड़े बता रहे हैं कि वहां की अर्थव्यवस्था प्रभावी दर से भले बढ़ रही हो, मगर विकास दर पिछले 25 वर्षों में सबसे कम है।

और विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का हाल यह है कि पिछले एक दशक में सबसे कम बेरोजदारी दर होने के कारण वहां रोजगार दर भले ही अच्छी हो, मगर फेडरल रिजर्व बोर्ड ने बेस रेट में 0.25 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया, जो वर्ष 2008 के बाद अपनी तरह की पहली बढ़ोतरी है। अमेरिका इसके जरिए यह संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि फेडरल रिजर्व बोर्ड निश्चिंत है कि उसकी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है, अपस्फीति का खतरा कम है और आर्थिक मजबूती से जुड़े आम मानक बेहतर हैं। बहरहाल, सच्चाई कोई नहीं जानता। हां, अपने क्षेत्र की बात करें, तो तेल की कम कीमतें राष्ट्रीय बजट पर दबाव जरूर बढ़ा रही हैं, मगर सच यह भी है कि लंबे समय तक तेल की यही कीमत नहीं रह सकेगी।   
गल्फ न्यूज, संयुक्त अरब अमीरात

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