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अनाज रहते भूखे

यह एक अजीब विसंगति है कि खाद्यान्न के मामले में हमने आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है, फिर भी छह करोड़ की हमारी आबादी को भरपेट भोजन नसीब नहीं हो पा रहा, ताकि वह एक सेहतमंद जिंदगी जी सके। इस हैरान कर देने...

अनाज रहते भूखे
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 09 Feb 2016 09:03 PM
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यह एक अजीब विसंगति है कि खाद्यान्न के मामले में हमने आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है, फिर भी छह करोड़ की हमारी आबादी को भरपेट भोजन नसीब नहीं हो पा रहा, ताकि वह एक सेहतमंद जिंदगी जी सके। इस हैरान कर देने वाली हकीकत पर से परदा हटाया है वल्र्ड फूड प्रोग्राम यानी डब्ल्यूएफपी ने। सच इतना भर नहीं है। यूनीसेफ के एक अध्ययन के मुताबिक, स्कूल जाने की उम्र से छोटे करीब 50 फीसदी बच्चे और मां बनने की उम्र की एक तिहाई औरतें कुपोषण की शिकार हैं। यह स्तब्ध करने वाली सच्चाई संकेत देती है कि अनाजों की सप्लाई और उनके वितरण में भारी अंतर है। हालांकि इस विसंगति के पीछे आय में असमानता भी एक बड़ी वजह है, लेकिन इसे लेकर हुए अध्ययनों ने कुछ अन्य कारण भी गिनाए हैं। इनमें लिंग के आधार पर होने वाला भेदभाव एक शर्मनाक कारण है।

यूनीसेफ ने अपनी रिसर्च में पाया है कि धनाढ्यों में भी मां बनने वाली उम्र की महिलाएं काफी कमजोर हैं। इसीलिए औरतों का यह तबका कुपोषण का शिकार है, चाहे उनकी माली हैसियत जो भी हो। पौष्टिकता के बारे में पर्याप्त जानकारी न होने और स्ट्रीट फूड में साफ-सफाई का ख्याल न रखे जाने को भी कुपोषण का कारण माना गया है। हम नीदरलैंड दूतावास की इस बात के लिए सराहना करते हैं कि उसने उन तीन योजनाओं को 150 करोड़ टका की माली मदद दी है, जो खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और सेहत व पोषण की हालत सुधारने से जुड़ी हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये योजनाएं महिला किसानों पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगी। ये उन्हें  अच्छे बीज मुहैया कराएंगी, पोषण के बारे में प्रशिक्षित करेंगी।

इसके साथ ही यौन व प्रजनन संबंधी उनके अधिकारों और उनमें नेतृत्व क्षमता व कारोबार विकसित करने को लेकर भी जागरूक करेंगी। हालांकि पोषण और किसानों को आधुनिक उपकरण मुहैया कराने के बारे में अपनी जानकारी दुरुस्त करने के लिए हमें हर तरह की मदद की दरकार है, लेकिन खाद्य असुरक्षा से निपटने के लिए सरकार को संगठित प्रयास करने ही पड़ेंगे। इसके लिए खास तौर से महिलाओं व बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है।   
द डेली स्टार, बांग्लादेश

 

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