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भ्रष्टाचार की कीमत

फ्रांस को थर्राने के महज एक सप्ताह बाद आतंकवादियों ने माली की राजधानी बामको के रैडिसन ब्लू होटल को अपना निशाना बनाया था। विदेशी राजनयिकों और प्रवासी लोगों के बीच लोकप्रिय इस होटल में बंदूकधारी...

भ्रष्टाचार की कीमत
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 01 Dec 2015 10:45 PM
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फ्रांस को थर्राने के महज एक सप्ताह बाद आतंकवादियों ने माली की राजधानी बामको के रैडिसन ब्लू होटल को अपना निशाना बनाया था। विदेशी राजनयिकों और प्रवासी लोगों के बीच लोकप्रिय इस होटल में बंदूकधारी आतंकियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया था। करीब 20 लोग उस घटना में मारे गए थे। अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन अल-मुराबितन ने उस हमले की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी। पेरिस में 130 लोगों के मारे जाने और नाइजीरिया में बोको हराम के भयानक हमले के बाद माली की हत्याओं ने मासूम लोगों के सामने इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा पेश की गई चुनौती को दुनिया के सामने उजागर किया था। बामको हमले ने माली के राजनीतिक हालात पर भी प्रकाश डाला था। साल 1960 में आजाद होने से लेकर अब तक इस देश ने कई उठा-पटक देखे हैं। माली में इस साल आतंकी हमलों में काफी वृद्धि देखी गई है। इस देश को ‘अल-कायदा इन द इस्लामिक मगरिब’ और तुआरेग आतंकियों, दोनों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, साल 2013 में फ्रांस के हस्तक्षेप के बाद माली में व्यवस्था कायम हुई है। लेकिन जैसा कि अन्य देशों में हो रहा है, आतंकवाद को परास्त करना एक लंबी प्रक्रिया है, यह एक बार में खत्म होने वाली लड़ाई नहीं है। यह लक्ष्य शासन में निरंतर सुधार व आतंक के खिलाफ लगातार संघर्ष से ही हासिल हो सकता है। दुर्भाग्य की बात यह है कि दुनिया की निगाह नाइजीरिया, कैमरून और चाड में बोको हराम की करतूतों पर केंद्रित है, जबकि माली में अंसार दीन जैसे कई बागी गिरोह हैं, जिनका काफी दबदबा है। अंसार दीन ने तो साल 2012 में मशहूर शहर टिंबकटू पर कब्जा भी कर लिया था। बहरहाल, पेरिस में हुए हमले के बाद फ्रांस की सेना के सामने काफी कठिन विकल्प है। हालांकि जर्मनी ने माली में फ्रांस को राहत देने के लिए 650 सैनिकों का दल भेजने की घोषणा की है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप अकेले कारगर नहीं हो सकता। माली की सरकार को भ्रष्टाचार की समस्या से भी साथ-साथ निपटना होगा। इसने दहशतगर्दी के खिलाफ उसकी लड़ाई में कई बाधाएं खड़ी की हैं।
द वाशिंगटन पोस्ट, अमेरिका

 

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