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आंखें खोलता सर्वे

साल 2016 का अरब यूथ सर्वे एक बार फिर दुनिया को वही कुछ बता रहा है, जिसे हमारे इलाके के बाशिंदे पहले से जानते हैं और उसके बारे में संसार को बताते रहे हैं कि बेरोजगारी व कमजोर इकोनॉमी ही वे बड़ी वजहें...

आंखें खोलता सर्वे
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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साल 2016 का अरब यूथ सर्वे एक बार फिर दुनिया को वही कुछ बता रहा है, जिसे हमारे इलाके के बाशिंदे पहले से जानते हैं और उसके बारे में संसार को बताते रहे हैं कि बेरोजगारी व कमजोर इकोनॉमी ही वे बड़ी वजहें हैं, जो आईएस की तरफ आकर्षण पैदा करती हैं, न कि मजहबी कट्टर नजरिया।

सर्वे साफगोई से कहता है कि अरब दुनिया के नौजवान भारी तादाद में आईएस को खारिज कर रहे हैं। इस सर्वे के दायरे और मकसद को देखते इसके नतीजे काफी अहम हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय कंपनी पेन्न शोएन बेर्लैंड ने दुबई की एक पीआर एजेंसी के लिए यह सर्वे किया है और इसमें अल्जीरिया, बहरीन, मिस्र, इराक, जॉर्डन, लेबनान, कुवैत, लीबिया, मोरक्को, ओमान, फलस्तीन, कतर, सऊदी अरब, ट्यूनीशिया, संयुक्त अरब अमीरात और यमन ने शिरकत की थी। इस रायशुमारी के अहम नतीजों में सबसे खास नतीजा यह है कि अरब के लोगों में रोजगार और मौकों की कमी को लेकर चिंता काफी गहराने लगी हैै, और इसे दहशतगर्दों की भर्ती के मुख्य कारण के तौर पर देखा जाने लगा है।

इससे निकलने वाला पैगाम साफ है कि दहशतगर्दी के खिलाफ जंग में न केवल फौजी व तालीमी मुहिम को शामिल करना चाहिए, बल्कि उन लोगों की माली हालत दुरुस्त करने की भी संजीदा कोशिश की जानी चाहिए, जिन्हें अपनी जिंदगी में और कोई उपाय नहीं सूझता। मगर गहरी निराशा के बावजूद अरब मुल्कों के नौजवान खुद को आईएस से दूर रखना चाहते हैं। सिर्फ 13 फीसदी नौजवानों ने कहा है कि वे उसकी हिमायत कर सकते हैं। सर्वे में शामिल 50 फीसदी लोगों का मानना है कि पश्चिम एशिया की सबसे बड़ी समस्या आईएस है। पिछले साल ऐसा मानने वालों की तादाद 37 फीसदी थी। आठवां अरब यूथ सर्वे इस इलाके के 20 करोड़ लोगों की चाहतों का इजहार करता है।

जरूरत यह है कि अरब शासक और हुकूमतें इस सर्वे के नतीजों को संजीदगी से लेते हुए ऐसे कदम उठाएं, ताकि यह क्षेत्र और अस्थिर न होने पाए। पश्चिमी मुल्कों को, जो मुस्लिम दहशतगर्दी और नौजवानों को कट्टर बनाने का तोहमत इस्लाम पर जड़ते रहते हैं, यह समझना होगा कि संपन्न अरब मुल्कों में दहशतगर्दी न के बराबर है।   
द पेनिन्सुला, कतर

 

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