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पानी के संकट से निजात दिलाने के बारे में सोचें

जब कोई समस्या विकराल रूप लेने लगती है तो वैज्ञानिक इसका समाधान निकालने के बारे में सोचते हैं। आज ऐसा ही संकट पानी का पूरी दुनिया के सामने खड़ा है। युवा वैज्ञानिकों के सामने इसका समाधान खोजने की बड़ी...

पानी के संकट से निजात दिलाने के बारे में सोचें
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 17 Oct 2016 07:40 PM
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जब कोई समस्या विकराल रूप लेने लगती है तो वैज्ञानिक इसका समाधान निकालने के बारे में सोचते हैं। आज ऐसा ही संकट पानी का पूरी दुनिया के सामने खड़ा है। युवा वैज्ञानिकों के सामने इसका समाधान खोजने की बड़ी चुनौती है।

आईआईटी बीएचयू के दीक्षांत समारोह में सोमवार को ये बातें आईआईटी मद्रास के पद्मश्री प्रो. अशोक झुझुनवाला ने कहीं। उन्होंने युवा इंजीनियरों का आह्वान किया कि समाज में बदलाव के लिए वे कठिन रास्तों को चुनें, क्योंकि यही रास्ता सफलता की ओर जाता है। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि मैं आईआईटी कानपुर के चार ऐसे लोगों को जानता हूं, जिन्होंने कड़े परिश्रम के जरिये मुकाम हासिल किये। इनमें डॉ. पीयूष गोयनका हैं जिन्होंने स्कार्पियो कार की डिजाइन बनाई। डॉ. विजय राघवन ने भारत में बायो इंडस्ट्री को ऊंचाई तक पहुंचाने में सफलता हासिल की। प्रो. राजीव संगल ने भारतीय भाषाओं के अनुवाद का सॉफ्टवेयर तैयार किया और ट्रिपल आईटी हैदराबाद की स्थापना भी की। आज भारत के सभी प्रमुख शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने वाले इंडिगो एयरलाइन्स के संस्थापक आईआईटी कानपुर के छात्र रहे राकेश गंगवाल हैं।

प्रो. झुनझुनवाला ने कहा कि एक समय था जब स्कूटर खरीदने के लिए लाइन लगती थी। बिजली के लिए लोग तरसते थे। अब ये काफी सुलभ हैं। इसी तरह आने वाले समय में पानी के लिए संघर्ष हो सकता है। इससे बचाने के लिए युवाओं को काम करना होगा। उन्होंने यह माना कि भारत में शिक्षा के काफी संसाधन आज मौजूद हैं पर शिक्षा नीति का मजबूत होना भी जरूरी है।

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