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सांस्कृतिक रूप से जुड़ेंगे भारत और मॉरीशस

भारत और मॉरीशस जल्दी ही भोजपुरी संस्कृति के क्षेत्र में एक-दूसरे के साथ मजबूत संबंध बनाएंगे। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल 19 से 26 फरवरी तक मॉरीशस का दौरा करेगा। दोनों देशों के दल महाशिवरात्रि उत्सव का...

सांस्कृतिक रूप से जुड़ेंगे भारत और मॉरीशस
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 29 Dec 2016 08:20 PM
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भारत और मॉरीशस जल्दी ही भोजपुरी संस्कृति के क्षेत्र में एक-दूसरे के साथ मजबूत संबंध बनाएंगे। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल 19 से 26 फरवरी तक मॉरीशस का दौरा करेगा। दोनों देशों के दल महाशिवरात्रि उत्सव का भी आयोजन करेंगे। इस दौरान एक ट्रेड फेयर भी लगाया जायेगा, जिसमें भारत के भोजपुरी क्षेत्र के कारीगरों के बनाए उत्पाद प्रदर्शित किये जायेंगे और इनकी बिक्री भी होगी। यह फेयर नियमित रूप से लगाया जायेगा।

बड़ा लालपुर स्थित जीवनदीप शिक्षण समूह में पहले विश्व भोजपुरी प्रवासी सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में गुरुवार को यह जानकारी सम्मेलन के संयोजक डॉ. अशोक सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि दुनिया भर के भोजपुरी समाज को एकत्र करने का अभियान चलाया जा रहा है। भारत में भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए विभिन्न देशों में बसे भोजपुरी भाषी यहां आ रहे हैं। चार दिन के सम्मेलन के दौरान इस विषय पर भी चर्चा होगी।

समारोह के मुख्य अतिथि भारत में मॉरीशस के उच्चायुक्त जगदीश गोवर्धन ने कहा कि बनारस हमारे लिए धाम की तरह है। यहां इस सम्मेलन का आयोजन होना बड़ी बात है। दुनिया भर में रह रहे भोजपुरी भाषी लोग एक बार बनारस जरूर आना चाहते हैं। ब्रिटेन से आये उद्धेश्वर सिंह ने कहा कि यह हमारी देव भूमि है। मुझे खुशी है कि यहां इस सम्मेलन में आने का मौका मिला। डॉ. सरोज गुप्त ने कहा कि हमें लग रहा है, जैसे अपने घर में आ गये हैं। समारोह के दौरान स्मारिका काशिका का विमोचन भी किया गया।

उद्घाटन समारोह में मॉरीशस की भोजपुरी गायिका हुसिला, विश्व भोजपुरी सम्मेलन के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री अरुणेश नीरन, अजीत दुबे, बिहार में भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष सीपी राय, छत्तीसगढ़ में भोजपुरी संस्थान के गुरुचरण सिंह, सैदपुर के शिवशंकर सिंह के अलावा जयकांत जय, गुप्तेश्वर पांडेय, नेपाल से आये प्रेम लश्करी ने भी विचार रखे। वीके मालू ने आभार जताया। संचालन अल्का सिंह ने किया।

सांकेतिक गिरमिटिया यात्रा आज निकलेगी

वाराणसी। अब से 180 साल पहले अंग्रेज शासक भारतीय लोगों को मजदूर बनाकर कोलकाता से पानी के जहाज से विभिन्न देशों में ले गये थे। बनारस में आयोजित विश्व भोजपुरी प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दूसरे दिन 30 दिसम्बर को इसकी याद ताजा की जायेगी। सम्मेलन के संयोजक डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि भैंसासुर घाट से विदेशी प्रतिनिधियों को लेकर सांकेतिक जहाज अस्सी तक जायेंगे। वहां से इन लोगों को बीएचयू, संकटमोचन भ्रमण कराया जायेगा। इसके अलावा 'भोजपुरिया माई' की लगभग पांच फुट की प्रतिमा भी सम्मेलन स्थल पर अनावरित की जायेगी।

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