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बुद्ध के जीवन से मानवीय वेदनाओं को समझने की कोशिश

भगवान बुद्ध के जीवन यात्रा को समेटती ‘बुद्ध: मुक्ति देने नहीं नाटक का रविवार को नागरी नाटक मंडली में भावपूर्ण मंचन हुआ। कलाकारों ने बुद्ध के जीवन की घटनाओं से आज की मानवीय वेदना को समझने की कोशिश को...

बुद्ध के जीवन से मानवीय वेदनाओं को समझने की कोशिश
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 13 Feb 2017 12:43 AM
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भगवान बुद्ध के जीवन यात्रा को समेटती ‘बुद्ध: मुक्ति देने नहीं नाटक का रविवार को नागरी नाटक मंडली में भावपूर्ण मंचन हुआ। कलाकारों ने बुद्ध के जीवन की घटनाओं से आज की मानवीय वेदना को समझने की कोशिश को दर्शाया। उनकी सशक्त प्रस्तुति की दर्शकों ने सराहना की।

रूपवाणी की क्रिएटिव शाखा पूर्वा बनारस की पहली प्रस्तुति बुद्ध: मुक्ति देने नहीं नाटक का मंचन हुआ। धीरेन्द्र मोहन द्वारा निर्देशित नाटक में बुद्ध के गृह त्याग, गया में शिक्षा एवं काशी में उपदेश आदि घटनाओं की मार्मिक प्रस्तुति हुई। नाटक में कबीर के भजन चदरिया झीनी से झीनी की गूंज होती रही। तौकीर, प्रशस्ति, ज्ञानेन्द्र, सागर नुपूर, शशांक, राजू, आराध्या, विकास पवन आदि कलाकारों ने मंचन किया।

इस मौके पर सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे, महंत आचार्य विवेक दास, साहित्यकार डॉ. जितेन्द्रनाथ मिश्र, डॉ. कामेश्वरनाथ मिश्र, प्रो. चंद्रकला त्रिपाठी प्रमुख रूप से रहे। संचालन युवा साहित्यकार व्योमेश शुक्ल ने किया।

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