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संस्कृत विद्वानों ने कई विषयों में पढ़े शोध पत्र

अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न प्रदेशों से आये संस्कृत विद्वानों ने अपने-अपने शोध पत्र पढ़े। इस दौरान उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ.सुरेश चरण बहुगुणा ने कहा कि संस्कृत में...

संस्कृत विद्वानों ने कई विषयों में पढ़े शोध पत्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 28 Nov 2015 08:05 PM
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अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न प्रदेशों से आये संस्कृत विद्वानों ने अपने-अपने शोध पत्र पढ़े। इस दौरान उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ.सुरेश चरण बहुगुणा ने कहा कि संस्कृत में सभी तत्वों का समावेश है।

डॉ. बहुगुणा ने कहा कि वर्तमान में भी विश्व के सामाजिक विकास में संस्कृत में निहित शोध तत्वों को अन्वेषण की आवश्यकता है। इसलिए विद्वानों को संस्कृत में शोध के  लिये अधिक से अधिक कार्य करना होगा। पहले सत्र में हरियाणा के डॉ.राजकुमार, वाराणसी से श्याम बाबू, फैजाबाद के अविनाश शुक्ल, रुद्रप्रयाग के डॉ.दीपक नवानी, रुड़की के डॉ.महनाज इजहार, डॉ.हरीश चंद्र गुरुरानी आदि ने अपने-अपने शोध पत्र पढ़े। सत्र की अध्यक्षता प्रो.राम सुमेर यादव ने की और संचालन डॉ.परमेश कुमार शर्मा ने किया।

दूसरे सत्र में पुराणों में योग विज्ञान विषय में छत्तीसगढ़ के डॉ. बहुरन सिंह, दिल्ली के गौरव बहुगुणा, हरिद्वार के डॉ.ब्रह्मदेव, गुजरात के दिलखुश यू.पटेल, वाराणसी से स्वाति पाण्डेय, हिमाचल से डॉ.विजय लक्ष्मी आदि ने अपने शोध पत्र पढ़े। तीसरे सत्र में पुराणों में आयुर्विज्ञान और ज्योति विज्ञान विषय में गुजरात के डॉ.मंजुला, लखनऊ के डॉ.सत्यकेतु, राजस्थान से प्रो.नन्दिता सिंधवी, हरिद्वार के प्रो.सोमदेव शतांशु आदि ने शोध पत्र पढ़े।

ज्योति विज्ञान में दिल्ली के ललित कुमार, इलाहाबाद के डॉ.शैलजा पाण्डेय और गुजरात के डॉ.जागृति पण्डया ने शोध पत्र पढ़े। चौथे सत्र में पुराणों में उत्तराखंड वर्णन, तीर्थ एवं कुंभ वर्णन विषय में, लखनऊ से प्रो. रामसुमेर यादव, हैदराबाद से वेल्लरी रघुराम, डॉ. सुन्दरनारायण आदि ने अपने शोध पत्र पढ़े। पांचवें सत्र में पुराणों में पर्यावरण विज्ञान विषय में डॉ.के.वरलक्ष्मी, अमित सेमवाल, डॉ.गणेश शंकर विद्यार्थी, डॉ.मोनिका, डॉ. अजय कुमार आदि ने अपने शोध पत्र पढ़े। इस दौरान डॉ.हरीश चंद गुरुरानी के संयोजन में कार्यक्रम चला। इस अवसर पर किशोरी लाल रतूड़ी, राधे श्याम, डॉ.सीएसआर लिंगारेड्डी, डॉ.जय प्रकाश नारायण आदि उपस्थित रहे।

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