फोटो गैलरी

Hindi Newsकैबिनेट विस्तार में हरिद्वार की उपेक्षा के चलते राजनीति में घमासान

कैबिनेट विस्तार में हरिद्वार की उपेक्षा के चलते राजनीति में घमासान

कैबिनेट विस्तार ने भाजपा को हरिद्वार की राजनीति में नया सियासी हथियार दे दिया है। भाजपा की रणनीति हरिद्वार की उपेक्षा को मुद्दा बनाकर कांग्रेस को घेरने की है। कांग्रेस के पास फिलहाल इसकी काट नहीं है।...

कैबिनेट विस्तार में हरिद्वार की उपेक्षा के चलते राजनीति में घमासान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 30 Jul 2016 08:52 AM
ऐप पर पढ़ें

कैबिनेट विस्तार ने भाजपा को हरिद्वार की राजनीति में नया सियासी हथियार दे दिया है। भाजपा की रणनीति हरिद्वार की उपेक्षा को मुद्दा बनाकर कांग्रेस को घेरने की है। कांग्रेस के पास फिलहाल इसकी काट नहीं है। जवाब के तौर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत को चेहरा बताया जा रहा है। 

कैबिनेट में हरिद्वार जैसे बड़े जिले का प्रतिनिधित्व नहीं होना कांग्रेस की राजनीति में घमासान मचा रहा है। इसी बहाने दलित वोटों की लामबंदी की तैयारी भी चल रही है। विधायकों की टीस, समर्थकों का गुस्सा व आमजन में हरिद्वार की उपेक्षा का संदेश जाने से कांग्रेसी खेमे में हलचल जरूर है। कांग्रेस के पास फिलहाल जवाब नहीं है। पार्टी नेता इस बार भी सीएम हरीश रावत को आगे कर उन्हें हरिद्वार का चेहरा बता रहे हैं। कांग्रेस जनता में सीएम के हरिद्वार से लगाव व इसी क्षेत्र को उनकी कर्मभूमि के रूप में पेश करने की तैयारी में है। इस संबंध में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आरपी रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार का चेहरा हैं। मंत्री वरिष्ठता के आधार पर बनाए गए हैं। जिले के दोनों विधायकों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। हम केंद्र की नाकामियां जनता को बताएंगे।

उधर हरिद्वार में खोई सियासी जमीन तलाशने में जुटा बसपा खेमा अभी अंदरूनी हालातों से निपटने में व्यस्त है। बसपा की सबसे बड़ी चिंता दलित, मुस्लिम वोटों पर सेंध लगने को लेकर है। मंगलौर से बसपा विधायक सरबत करीम अंसारी के कलियर विधायक फुरकान अहमद को मंत्रिमंडल में जगह देने के बयान को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।

इस बीच भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री देशराज कर्णवाल ने सीएम पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, सीएम ने मंत्रिमंडल विस्तार में मैदानी क्षेत्र के प्रतिनिधियों को जगह न देकर दलितों, अल्पसंख्यकों और किसानों के हितों पर कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा, समाज कल्याण विभाग किसी दलित विधायक को मिलना चाहिए था ताकि अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति का मुद्दा सुलझ सके लेकिन सीएम ने इस पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। इस संबंध में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य सुशील त्यागी ने कहा कि हम इस मामले को लेकर जनता के बीच जाएंगे। रावत सरकार हमेशा हरिद्वार की उपेक्षा करती रही है। कांग्रेसियों में नैतिकता नहीं है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें