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मिट्टी बताएगी नैनीताल के 100 साल का मौसम

नैनीताल नगर के मौसम को लेकर शोध के लिए नई पहल होने जा रही है। इसके सफल होने पर नगर के पिछले एक सौ से अधिक सालों की समयावधि के मौसम का राज खुल जाएगा। कुमाऊं विवि के भू-विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ....

मिट्टी बताएगी नैनीताल के 100 साल का मौसम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 07 May 2016 11:32 AM
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नैनीताल नगर के मौसम को लेकर शोध के लिए नई पहल होने जा रही है। इसके सफल होने पर नगर के पिछले एक सौ से अधिक सालों की समयावधि के मौसम का राज खुल जाएगा। कुमाऊं विवि के भू-विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. बहादुर सिंह कोटलिया ने इस पहल में कदम बढ़ाया है। शुक्रवार को इस शोध के लिए झील के 1.8 मीटर गहराई तक के मिट्टी के नमूने ले लिए गए हैं।

नगर में कई सालों बाद जाड़ों में बर्फबारी नहीं हुई है, वहीं पिछले छह महीने में भी एकाद से ज्यादा बार झमाझम बारिश भी नहीं हुई। जिसके चलते नैनी झील में पानी भी काफी कम हुआ है। प्रो. कोटलिया ने बताया कि नैनी झील से 1.8 मीटर तक की गहराई तक मिट्टी के नमूना (सेगमेंट) ले लिए गए हैं। इसमें प्रत्येक लेयर के आधार पर संबंधित साल के मौसम की जानकारी ली जा सकेगी। इसके लिए बकायदा डेटिंग सिस्टम है। 

वैज्ञानिक विधि से निर्धारित लैब में इसका परीक्षण शुरू किया जाएगा। प्रो. कोटलिया ने बताया कि झील में आने वाली मिट्टी हर साल लेयर बनाती है। इसका नमूना लिया गया है। लेयर से यह पता लग जाता है, कि इस साल सूखा पड़ा या अधिक बारिश हुई। उन्होंने बताया कि 1.8 मीटर गहराई के बाद झील में बोल्डर हैं। माना जाता है कि 1880 में मल्लीताल में हुए बड़े भूस्खलन के बाद पहाड़ी से आए बोल्डर तल्लीताल के छोर तक पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि शोधरत विद्यार्थियों की मदद से इस काम को जल्द ही अंजाम दे देंगे। इसमें मुख्य रूप से शोधार्थी अनूप कुमार सिंह, कामिनी बिष्ट और मनीषा सिरोही इसमें सहयोग कर रहे हैं।

50 हजार साल पुरानी है नैनीझील हिमालय क्षेत्र में बने फॉल्ट झील के बनने का कारण रहे हैं। नैनीताल क्षेत्र में जमीन के अंदर गुजरने वाले फॉल्ट से यहां झील बनी है। भू-वैज्ञानिक लगभग 50 हजार साल पहले हुई प्राकृतिक घटना को इसका कारण बताते हैं।

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