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अनुपमा हत्याकांड में जज ने कोर्ट में दी गवाही

दून को दहला देने वाले पांच साल पुराने अनुपमा हत्याकांड में शुक्रवार को तत्कालीन जज ने कोर्ट में बयान दर्ज कराए। इस मामले में अब बचाव पक्ष को मौका देने के बाद जल्द फैसला आने की उम्मीद है। उधर, बचाव...

अनुपमा हत्याकांड में जज ने कोर्ट में दी गवाही
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 08 Jan 2016 09:46 PM
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दून को दहला देने वाले पांच साल पुराने अनुपमा हत्याकांड में शुक्रवार को तत्कालीन जज ने कोर्ट में बयान दर्ज कराए। इस मामले में अब बचाव पक्ष को मौका देने के बाद जल्द फैसला आने की उम्मीद है। उधर, बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट में दो गवाहों को रिकॉल करने के लिए प्रार्थनापत्र दिया गया। अब कोर्ट आठ फरवरी को अगली सुनवाई करेगा।

17 अक्तूबर 2010 को सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा की हत्याकर शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीज में रख दिए। इसके बाद शव के टुकड़े राजपुर क्षेत्र के जंगल में फेंक गए। इस मामले में शुक्रवार को दून के तत्कालीन एसीजेएम प्रथम न्यायधीश नसीम अहमद ने कोर्ट में गवाही दी है। जज ने कोर्ट में बयान दर्ज कराते हुए कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत बच्चों को सक्षम जानने के बाद ही बच्चों के बयान दर्ज किए थे। कुछेक सवाल कर उन्होंने यह देखा कि बच्चे गवाही देने के लिए सक्षम हैं या नहीं। बच्चों को गवाही के लिए सक्षम जानने के बाद ही उन्होंने बच्चों के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज किए। उधर ,बचाव पक्ष की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया कि मामले के वादी सुजान प्रधान (मृतका अनुपमा गुलाटी के भाई) और मोहल्ले के तत्कालीन सिक्योरिटी गार्ड आशीष रस्तोगी को बयान के लिए रिकॉल किया जाए।

हत्याकांड के खुलासे वाले दिन ही पुलिस ने आरोपित राजेश गुलाटी को गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह जेल में है। इस मामले में डीएनए रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। पुलिस ने एक मार्च 2011 को चार्जशीट दाखिल करते हुए कुल 76 गवाहों की सूची कोर्ट में दाखिल की थी। जिसमें 14 पुलिसकर्मी समेत अनुपमा के दो बच्चे भी शामिल हैं।

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