अंबिका और कपूर भी नहीं रोकना चाहते थे बगावत!
हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत की आहट को कांग्रेस को आला नेताओं ने भांप लिया था, लेकिन उन्होंने तरजीह ही नहीं दी। आचरण ऐसा था कि जैसे वो खुद भी यही चाहते थे। कांग्रेस के बागी विधायक उमेश शर्मा...
हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत की आहट को कांग्रेस को आला नेताओं ने भांप लिया था, लेकिन उन्होंने तरजीह ही नहीं दी। आचरण ऐसा था कि जैसे वो खुद भी यही चाहते थे।
कांग्रेस के बागी विधायक उमेश शर्मा 'काऊ की माने तो राज्य प्रभारी अंबिका सोनी और सहप्रभारी संजय कपूर को कई बार सरकार की शिकायत की गई। उनसे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात का वक्त दिलाने की मांग भी की, लेकिन उन्होंने प्रयास ही नहीं किया। हालांकि राज्य सहप्रभारी बागियों के इन आरोपों को स्वीकार नहीं करते।
रायपुर से विधायक काऊ बगावत के सूत्रधार पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के सबसे करीबी माने जाते हैं। काऊ ने बताया कि वर्तमान में कुछ चुनिंदा अफसर और कुछ क्षेत्र ही सरकार के फोकस में हैं। असंतोष की एक बड़ी वजह यह भी है। काऊ ने यह भी जोड़ा कि यदि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन कर दिया जाता है वो एक बार को अपने फैसले पर पुनर्विचार भी कर सकते हैं।
काऊ समर्थक पार्षद किशोर के दरबार में
काऊ के पाला बदल लेने से उनके समर्थक अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। सूत्रों के अनुसार काऊ से जुडे़ कुछ पार्षद ने प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के दरबार में हाजिरी देकर कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की है। मुख्य कार्यक्रम समन्वयक राजेंद्र शाह ने भी कुछ और समर्थकों की किशोर से मुलाकात कराई है।