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विकीपीडिया ने सांसद को मारने से पहले पति से अलग करा रचा दी दूसरी शादी

साइबर जगत की प्रमाणिकता पर भरोसा करने वालों के लिए यह यकीनन झटका है। सोशल साइट विकीपीडिया पर हरदोई के मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र की सांसद अंजूबाला को न सिर्फ जीते जी मार दिया गया, बल्कि एक पति के साथ 10...

विकीपीडिया ने सांसद को मारने से पहले पति से अलग करा रचा दी दूसरी शादी
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 10 Mar 2016 07:13 PM
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साइबर जगत की प्रमाणिकता पर भरोसा करने वालों के लिए यह यकीनन झटका है। सोशल साइट विकीपीडिया पर हरदोई के मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र की सांसद अंजूबाला को न सिर्फ जीते जी मार दिया गया, बल्कि एक पति के साथ 10 साल रहने के बाद उनसे अलग होकर दूसरी शादी करवा दी। संसद में मामला उठाने के बाद कानून मंत्री ने कार्रवाही को कहा, अंजू बाला के पति ने कहा उनके परिवार की छवि खराब की गयी है, कड़ी कार्रवाई न की गयी तो वह खुद मामला दर्ज कराएंगे।  उनके पति  हैरत में हैं कि उनकी पत्नी का दूसरा पति कहां से आ गया।

सांसद अंजूबाला के पति कृष्ण कुमार उर्फ सतीश वर्मा हैं। वह जिले के मल्लावां विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं। जबकि विकीपीडिया पर इन्ही दो नामों को अलग-अलग व्यक्तियों का बताया गया है। वीकिपीडिया ने सांसद की शादी से जुड़ी ऐसी जानकारी दी है जिसका हकीकत से कोई लेनादेना नहीं है। विकीपीडिया के मुताबिक उनकी शादी 2001 में कृष्ण कुमार से हुई जो वर्ष 2010 तक चली और उनकी दूसरी शादी सतीश वर्मा से वर्ष 2011 में हुई जिनके साथ वह इस साल तीन मार्च तक रहीं। तीन मार्च को उन्हें मृत दर्शा दिया। जबकि हकीकत यह है कि पूर्व विधायक कृष्ण कुमार उर्फ सतीश वर्मा से उनकी शादी 26 जनवरी 2008 को हुई। दोनों का हंसता-खेलता परिवार है। सांसद अपने पति और बच्चों के साथ मल्लावां में ही रहती हैं।

विकीपीडिया पर कार्रवाई के मूड में हैं पति
सांसद अंजूबाला के पति और पूर्व विधायक सतीश वर्मा विकीपीडिया की ‘करतूत’ से बेहद खफा हैं। संसद में सरकार की ओर से भरोसा मिलने के बाद उन्होंने कहा कि संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई तो वह  एफआईआर दर्ज करवाएंगे। सतीश वर्मा ने बताया कि विकीपीडिया ने तथ्यहीन बातों से उनकी और परिवार की छवि को ठेस पहुंचाई है। खासकर शादी संबंधित भ्रामक जानकारी से उन्हें काफी तकलीफ है।

विधायक से हुई शादी तो अंजू भी कूदीं सियासत में
सांसद अंजूबाला का ताल्लुक गैर सियासी परिवार से है। लेकिन उनकी शादी उस वक्त विधायक रहे सतीश वर्मा से हुई। शादी के करीब ढाई साल बाद ही पंचायत चुनाव में पति ने उन्हें मल्लावां ब्लॉक का प्रमुख बनवा दिया। तब उनके पति बसपा से विधायक थे। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में वह सपा में शामिल हो गए, हालांकि उन्हें शिकस्त मिली। बाद में जब लोकसभा चुनाव की बारी आई तो उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र मिश्रिख से पत्नी अंजूबाला के लिए सपा से टिकट मांगा। लेकिन टिकट उनकी जगह पूर्व सांसद जयप्रकाश को मिल गया। ऐसे में उन्होंने सपा से नाता तोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और न सिर्फ उन्हें टिकट मिला बल्कि चुनाव में जीत भी हासिल हुई।

कश्मीर के कठुआ की हैं अंजूबाला
वर्ष 2008 में सतीश वर्मा से शादी के बाद अंजूबाला उनके साथ यहां मल्लावां के तेजीपुर गांव में रहती हैं। हालांकि उनका मायका कश्मीर में है। वह पाकिस्तान सीमा से सटे कठुआ जिले की रहने वाली हैं। पोस्ट ग्रेजुएट अंजूबाला एक प्रखर वक्ता भी हैं। भाजपा ने जब उन्हें लोकसभा का टिकट दिया तो उन्होंने अपनी तेजतर्रार कार्यशौली और सभी से संवाद स्थापित करने की कला ने लोगों को प्रभावित किया।

छोटी बहन हैं ब्लॉक प्रमुख
अंजूबाला सांसद निर्वाचित हुईं तो उन्होंने ब्लॉक प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में हुए उपचुनाव में उन्होंने अपनी छोटी बहन शबनम को उसी कुर्सी पर बैठाने में कामयाबी पाई। शबनम ही इन दिनों ब्लॉक प्रमुख हैं। हालाकि हाल ही में हुए चुनाव में वह चुनाव हार गईं, उनका कार्यकाल 15 मार्च तक है। शबनम ब्लॉक प्रमुख बनीं तो भाजपा ने उन्होंने महिला मोर्चा का जिलाध्यक्ष बना दिया। 

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