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वाराणसी जिला जेल में कैदियों का बवाल, फायरिंग, अधीक्षक को सात घंटे बंधक रखा

वाराणसी जिला जेल में खाने की गुणवत्ता और कड़ाई से क्षुब्ध बंदियों ने शनिवार की सुबह जमकर बवाल किया। बंदीरक्षकों के असलहे छीन लिये और डिप्टी जेलर अजय राय को पीटकर अधमरा कर दिया। जेल अधीक्षक आशीष...

वाराणसी जिला जेल में कैदियों का बवाल, फायरिंग, अधीक्षक को सात घंटे बंधक रखा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 02 Apr 2016 06:33 PM
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वाराणसी जिला जेल में खाने की गुणवत्ता और कड़ाई से क्षुब्ध बंदियों ने शनिवार की सुबह जमकर बवाल किया। बंदीरक्षकों के असलहे छीन लिये और डिप्टी जेलर अजय राय को पीटकर अधमरा कर दिया। जेल अधीक्षक आशीष तिवारी को भी बंधक बना लिया गया। सात घंटे तक बंदियों के कब्जे में रही जेल में हालात तब सामान्य हुए जब डीएम ने उनकी सभी मांगें मान लीं। कई चक्र वार्ता के बाद समाजवादी नेता भी पहुंचे और जेल अधीक्षक मुक्त कराए गए। डीएम ने तत्काल प्रभाव से जेल अधीक्षक को हटा दिया है। फिलहाल एसीएम (चतुर्थ) को जेल का प्रभार सौंपा गया है।
सुबह तकरीबन नौ बजे बंदियों ने जेल में बवाल शुरू कर दिया। बंदी रक्षकों ने उन्हें काबू करने के लिए हवा में गोलियां भी चलाईं। आक्रोशित बंदियों ने उन्हें घेरकर असलहे छीन लिये।

जेलर आशीष तिवारी व उनके साथ मौजूद बंदी रक्षकों को बंधक बना लिया। बंदियों ने डिप्टी जेलर अजय राय समेत एक दर्जन बंदी रक्षकों को पीटकर जख्मी कर दिया। अजय राय का बीएचयू ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। कुछ ही देर में जिले के विभिन्न थानों की फोर्स, पीएसी, एनडीआरएफ की टीम जिला जेल पहुंच गई। बंदी जेल का दरवाजा अंदर से बंदकर जेल पर कब्जा जमाए हुए थे। करीब सात घंटे तक चले हंगामें के बाद बंदी जिलाधिकारी से बात को तैयार हुए। उन्होंने जेलर व डिप्टी जेलर को हटाए जाने समेत छह मांग जिलाधिकारी के सामने रखी। डीएम ने सभी मांगें मान लीं, तब जाकर बंदी माने और बंधक जेल अधीक्षक और बंदी रक्षकों को मुक्त किया। 
 
 

 

 परेड के साथ शुरू हुआ हंगामा
सुबह परेड के लिए बंदियों को बैरकों से बाहर निकाला जा रहा था। जेल अधीक्षक समेत अन्य अफसर भी परिसर में मौजूद थे। मेस में खाने की कतार लगाए बंदियों ने खाने की गुणवत्ता को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ बंदीरक्षकों ने डांटकर समझाने की कोशिश की तो मामला बिगड़ गया। बंदियों ने बंदीरक्षकों पर हमला कर दिया और असहले भी छीन लिए।

बैरकों की छत और पेड़ पर चढ़े
बंदियों ने पहले बवाल काटा और फिर बैरकों की छत और पेड़ पर चढ़ गए। इस दौरान वो रोटियां लेकर प्रदर्शन भी कर रहे थे। बंदी रक्षकों ने उन्हें काबू करने के लिए हवा में गोलियां भी चलाई।

पेड़ पर चढ़कर कई बंदियों ने की भागने की कोशिश
जिला जेल में हुए हंगामे का फायदा उठाकर कई बंदियों ने जेल से भागने की कोशिश भी की। चहारदीवारी से सटे नीम के पेड़ पर चढ़कर वह बाहर कूदने के फिराक में थे लेकिन फोर्स ने पूरे जेल को घेर रखा था। बाहर फोर्स मौजूद देख कर बंदी वापस उतर गए।  
 
 
 
 
 

 

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