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पान मसाला व्यापारियों पर आयकर छापे

पान मसाला इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमियों पर आयकर विभाग ने मंगलवार को ताबड़तोड़ छापे मारकर कर अपवंचना से जुड़े सैकड़ों दस्तावेज सील किए। एक टीम ने दबंग पान मसाले को कच्चा माल देने वाले व्यापारी के...

पान मसाला व्यापारियों पर आयकर छापे
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 16 Feb 2016 11:02 PM
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पान मसाला इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमियों पर आयकर विभाग ने मंगलवार को ताबड़तोड़ छापे मारकर कर अपवंचना से जुड़े सैकड़ों दस्तावेज सील किए। एक टीम ने दबंग पान मसाले को कच्चा माल देने वाले व्यापारी के परिसरों पर छापा मारा, तो तीन दूसरी टीमों ने पान मसाला मशीन बनाने वाली फर्म के तीन परिसरों पर कार्रवाई की। शुरुआती पड़ताल में करोड़ों की टैक्स चोरी के दस्तावेज अधिकारियों के हाथ लगे हैं।
मंगलवार को प्रधान आयकर निदेशक जांच वीके झा के निर्देश पर छापों की कार्रवाई की गई। उप निदेशक जांच सतीश राजौरे, ज्योत्सना देवी, सहायक निदेशक वेदप्रकाश के नेतृत्व में गठित टीमों ने सुबह पनकी, किदवई नगर, गोविन्द नगर और नयागंज में दो व्यवसायियों पर छापे मारे।
एक दर्जन अधिकारियों की एक टीम ने पनकी स्थिति कुरेले केमिकल्स के परिसरों पर धावा बोला। यहां से लखनऊ में बनने वाले पान मसाले दबंग को कच्चे माल की सप्लाई की जाती थी। इसमें सुपाड़ी के अलावा सुगंध और अन्य केमिकल्स शामिल हैं। यहां छानबीन में कच्चे पर्चे पर लेन-देन के रिकॉर्ड भारी मात्रा में मिले। अधिकांश सप्लाई बिना लिखा-पढ़ी के हो रही थी। कच्चे माल से तैयार मसाला भी नंबर दो के रास्ते बाजार में खपाया जा रहा था। कुरेले ग्रुप पर कार्रवाई लखनऊ में मारे गए छापों की कड़ी में ही की गई थी। दो टीमों ने पान मसाला बनाने वाली एक फर्म नरेन्द्र इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड पर छापे मारे। छापेमारी किदवई नगर बाबाकुटी और ओ ब्लॉक गोविन्द नगर स्थित नरेन्द्र गैलेक्सी गार्डेन में आयकर अधिकारियों के पहुंचते अफरा-तफरी मच गई। यहां कागजों में टैक्स चोरी में लंबा नेटवर्क मिला। पान मसाला बनाने वाले यूपीएक्स मशीन की डुप्लीकेट बनाकर बेची जा ही थी। असली मशीन की कीमत सवा से से डेढ़ करोड़ रुपए के बीच है, जबकि नरेन्द्र इंजीनियरिंग इसी मशीन को 60-70 लाख रुपए में बनाकर बेच रही थी। कागजों पर इसकी कीमत मात्र 5-10 लाख रुपए दिखाई जा रही थी। यानी कागजों पर बिक्री मात्र दस प्रतिशत ही दिखाई जा रही थी। आयकर निदेशकों के पहुंचते ही फर्म मालिक फरार हो गए। किसी के सामने न आने पर तीन परिसरों को विभाग ने सील कर दिया है। परिसरों से बरामद दस्तावेजों में प्रापर्टी के काफी कागजात मिले। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक नरेन्द्र इंजीनियरिंग के संचालकों के पास पैसा तीन साल में अचानक आया था। वर्ष 2012 से पहले उनके रिटर्न में कुछ खास नहीं था, लेकिन उसके बाद रिटर्न में एकाएक कई गुना की वृद्धि हो गई। छानबीन में विभाग ने पाया कि आय के स्रोत का विवरण संदिग्ध था। दिल्ली और नोएडा सहित शहर में करोड़ों की प्रापर्टी के रिकॉर्ड मिलने के बाद छापों को अंजाम दिया गया।


छापा
 

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