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उड़ीसा, यूपी, एमपी के वांटेड शूटर बब्बू करेहा को इलाहाबाद एसटीएफ ने दबोचा

यूपी, एमपी और उड़ीसा से फरार शूटर बब्बू करेहा उर्फ अब्दुल कयूम उर्फ बब्बू पंडित उर्र्फ हसन उर्फ रामदेव को उसके साथी नियाजी के साथ इलाहाबाद एसटीएफ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि...

उड़ीसा, यूपी, एमपी के वांटेड शूटर बब्बू करेहा को इलाहाबाद एसटीएफ ने दबोचा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 21 May 2016 07:15 PM
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यूपी, एमपी और उड़ीसा से फरार शूटर बब्बू करेहा उर्फ अब्दुल कयूम उर्फ बब्बू पंडित उर्र्फ हसन उर्फ रामदेव को उसके साथी नियाजी के साथ इलाहाबाद एसटीएफ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि इलाहाबाद से फरारी के बाद रीवा में उसने हीरा कारोबारी की हत्या की थी। इलाहाबाद में प्रॉपर्टी के विवाद में वह बहुत जल्द एक महिला और जेल से जमानत पर छूटे एक बदमाश की हत्या करने वाला था।  

पुलिस कस्टडी से चार बार फरार
इलाहाबाद के करछना थाने के करेहा गांव का बब्बू उड़ीसा में गाड़ी चोरी के साथ जरायम की दुनिया में आया। उसके बाद उड़ीसा में एक कारोबारी के अपहरण कांड में वह नामजद हुआ। पुलिस ने उसे पकड़ा। उसे दस साल की सजा हुई। मां की मौत पर उसे पैरोल मिला। वह इलाहाबाद आया और फरार हो गया। 2010 में इलाहबाद के घूरपुर पुलिस ने उसे नकली नोटों के साथ पकड़ा। 2011 में कचहरी से वह फिर फरार हो गया। अगले साल वह एक बार फिर कर्नलगंज पुलिस के हत्थे चढ़ा। उससे नकली नोट भी बरामद हुए। 2015 जनवरी में वह कचहरी से फिर फरार हो गया। 2015 जून में वह रीवा में हीरा कारोबारी की हत्या में पकड़ा गया। जेल से पेशी पर लाने के दौरान मार्च 2016 में वह रीवा से फरार हो गया। तब से तीनों राज्यों की पुलिस उसे तलाश कर रही थी। करछना निवासी 55 वर्षीय बब्बू करेहा पुलिस को चकमा देने में महारत हासिल है। 

पकड़े जाने पर बदल दिया नाम
एसटीएफ को बब्बू करेहा ने पूछताछ में बताया कि जनवरी 2015 में इलाहाबाद से फरारी के बाद वह रीवा चला गया। वहां पर मिर्जापुर के असलम, जफर, पिंटू के साथ मिलकर एक हीरा कारोबारी के घर डकैती डाली थी। कोराबारी की हत्या करके भागते वक्त गांव वालों ने उन्हें घेर लिया और पुलिस को सूचना दे दी। बब्बू और असलम को मध्य प्रदेश की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बब्बू ने मध्य प्रदेश की पुलिस को गच्चा दे दिया और अपना नाम हसन बताया। ऐसे में उसके पुराने इतिहास के बारे में मध्य प्रदेश की पुलिस को पता नहीं चला। जेल में रहने के दौरान बब्बू ने एक दिन बीमारी का बहाना करके अस्पताल में भर्ती हुआ। तीन दिन बाद ड्यूटी पर लगे सिपाहियों को झांसा देकर उन्हें शराब ऑफर किया और मौका देखकर फरार हो गया। 

दो कत्ल और लूट की योजना
एसटीएफ ने खुलासा किया है कि जेल से फरारी के बाद बब्बू ने कई सनसनीखेज वारदातों को अंजाम देने के लिए योजना बनाई थी। मेजा के सुहागी पहाड़ी पर मारे गए आजम हल्दी की हत्या का उसे बदला लेना था। हत्या के आरोपी रफीक उर्फ गुल्लू को मारने की योजना थी। इसके अलावा बब्बू ने मिर्जापुर में एक 10 लाख की प्रॉपर्टी खरीदी थी। जिस पर अनारकली नामक महिला विरोध जता रही थी। अनारकली को रास्ते से हटाने के लिए तैयारी पूरी हो गई थी। इलाहाबाद में कारनामों को अंजाम देने के बाद सतना में एक व्यापारी के घर लाखों की लूट करनी थी। 

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