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गंगा की धारा दो साल में होने लगेगी निर्मल: उमा

केंद्रीय जल संसाधन,नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने दावा किया है कि अक्तूबर-2018 में नमामि गंगे प्रोजेक्ट का पहला फेज पूरा हो जाएगा। इसके बाद  गंगा की धारा निर्मल दिखना शुरू हो...

गंगा की धारा दो साल में होने लगेगी निर्मल: उमा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 Aug 2016 07:50 PM
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केंद्रीय जल संसाधन,नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने दावा किया है कि अक्तूबर-2018 में नमामि गंगे प्रोजेक्ट का पहला फेज पूरा हो जाएगा। इसके बाद  गंगा की धारा निर्मल दिखना शुरू हो जाएगी।उमा ने शुक्रवार को कानपुर में गंगा बैराज पर नमामिगंगे की चार प्रमुख परियोजनाओं का शुभारंभ किया।

इसके साथ ही गंगा किनारे बसे पांच राज्यों में जलीय जंतुओं के ब्रीडिंग सेंटर (मछली, घड़ियाल, कछुआ) भी खुलेंगे ताकि लोगों को रोजगार तो मिले ही, साथ ही ये जंतु भी गंगा के प्रदूषण को कम करने में सहयोग करना शुरू कर दें। गंगा तट पर बसे डेढ़ हजार न्याय पंचायतों में जैविक खेती भी कराई जाएगी और इसे बढ़ावा देने के लिए तीन साल तक हर न्याय पंचायत को 15-15 लाख रुपए का अनुदान भी केंद्र सरकार देगी। उन्होंने कहा कि कानपुर की टेनरियों के प्रदूषित जल की एक बूंद भी गंगा में नहीं जाएगी। इसके लिए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम लगाने होंगे। सीसामऊ नाले और टेनरियों का पानी अलग-अलग ट्रीट होगा। सीवरेज का पानी ट्रीट होकर उसका किसी न किसी चीज में उपयोग होगा पर टेनरियों के ट्रीट पानी को न तो जमीन के भीतर जाने देंगे और न ही गंगा में।


उन्होंने बताया कि ओलंपिक में साक्षी मलिक और पीवी सिंधु को मेडल मिलने से जाहिर हो चुका है कि 21वीं शताब्दी महिलाओं की होगी। पुरुष प्रधान देश में महिला युग का आगाज हो चुका है। उमा ने कहा कि अब तक गंगा सफाई के नाम पर चार हजार करोड़ रुपए पूर्व में खर्च हो चुके हैं। इस पैसे को बर्बाद नहीं होने देंगे। जनता के धन का दुरुपयोग किसी कीमत पर सहन नहीं। 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कानपुर में गंगा तट पर पांच शवदाह गृह तो बनेंगे पर दाह संस्कार पूर्ववत होते रहेंगे क्योंकि यह आस्था से जुड़ा सवाल है। उन्होंने बताया कि गंगा सफाई के नाम पर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, उसे दूर करने का काम शुरू हो गया है। इससे न तो फैक्ट्रियां बंद होंगी और न ही टेनरियां। 

जब उनसे पूछा गया कि गंगा सफाई में पूर्व में खर्च हुई राशि के मसले में जांच कराएंगी तो वह बोलीं कि अभी गंगा सफाई प्रमुख है। गंगा सफाई की योजनओं को शुरू करने के पहले इसकी हरस्तर से मानीटरिंग हुई। संत, आईआईटी के वैज्ञानिकों, गंगातट पर बसे लोगों और टेनरी मालिकों से मुलाकात करने के बाद उनकी दिक्कतों को समझा। इसके बाद ही योजना बनाई गई।

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