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प्राथमिक विद्यालय मथुरापुर बना प्रदेश का पहला स्मार्ट विद्यालय

प्राथमिक विद्यालय मथुरापुर को प्रदेश का पहला स्मार्ट विद्यालय बनने का गौरव हासिल हो गया। बुधवार को इस प्राइमरी स्कूल में स्मार्ट क्लास शुरू होने के साथ ही उसे यह तमगा मिल गया। इसके साथ ही प्राइमरी...

प्राथमिक विद्यालय मथुरापुर बना प्रदेश का पहला स्मार्ट विद्यालय
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 15 Sep 2016 08:12 AM
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प्राथमिक विद्यालय मथुरापुर को प्रदेश का पहला स्मार्ट विद्यालय बनने का गौरव हासिल हो गया। बुधवार को इस प्राइमरी स्कूल में स्मार्ट क्लास शुरू होने के साथ ही उसे यह तमगा मिल गया। इसके साथ ही प्राइमरी स्कूलों में इन्फारमेंशन एंड टेक्नालॉजी (आईसीटी) आधारित  शिक्षण व्यवस्था के नए युग की शुरुआत भी हो गई। 

शैक्षिक गुणवत्ता गारंटी कार्यक्रम के अंतर्गत बीएल एग्रो की ओर से स्मार्ट क्लास का निर्माण किया गया है। बरेली में ऐसे 35 स्कूलों को चिन्हित किया गया है जहां स्मार्ट क्लास शुरू होनी है। इसका शुभारंभ राज्य विज्ञान संस्थान के निदेशक नीना श्रीवास्तव, जेडी शिव प्रकाश द्विवेदी ने फीता काटकर किया। जेडी ने कहा कि स्मार्ट क्लासेज से छात्रों के सीखने और समझने की क्षमता में काफी बढ़ोत्तरी होगी। नगर संसाधन केंद्र प्रभारी अनिल चौबे ने बताया कि बच्चों की बहुत सारी विषय वस्तुओं पर समझ विकसित नहीं हो पाती। खासकर ऐसी जिन्हें उन्होंने वास्तविक रूप में देखा न हो। ऐसी अमूर्त विषय वस्तुओं पर भी पक्की समझ विकसित करने के अलवा स्मार्ट क्लास रटन्त प्रणाली से मुक्त करेगी। खंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि स्मार्ट क्लास की वजह से विद्यार्थी बोर नहीं होंगे। उनकी रचनात्मकता बढ़ेगी। 

स्मार्ट क्लास में तैयार होंगे स्मार्ट विद्यार्थी
प्राइमरी विद्यालयों के बच्चों के लिए कंप्यूटर अब अजूबा नहीं होगा। स्कूल में बनाई गई स्मार्ट क्लास में कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, स्मार्ट बोर्ड, के जरिए पढ़ाई होगी। प्रोजेक्टर के जरिए तकनीकी बातें आसानी से समझाई जाएंगी। वे पढ़ाई में दिलचस्पी लेंगे। अधिकतर विषय फिल्मों व एनिमेशन के जरिए पढ़ाए जाएंगे। 

रीय खिलाड़ी तैयार करने की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। इससे हम किसी खिलाड़ी की शारीरिक बनावट, शरीर के मूवमेंट और मांसपेशियों की ताकत के आधार पर यह जान सकते हैं कि वह किस खेल में ज्यादा सफल हो सकता है। हम इसका प्रयोग करने वाली संभवत: यूपी की पहली यूनिवर्सिटी होंगे। 
प्रो. एके जेटली, क्रीड़ा सचिव, यूनिवर्सिटी 
 

नवंबर से प्रोजेक्ट शुरू
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व फिजियो डा. अली ईरानी के साथ काम कर चुके बायोमेकेनिकल एक्सपर्ट डा. एसई हुदा ने बताया कि नवबंर तक योजना धरातल पर आ जाएगी। हमने आस्ट्रेलिया से ट्रेनिंग लेकर लौटे बायोमेकेनिकल एक्सपर्ट डा. अक्षत कुमार से भी बात फाइनल की है। हमारा मकसद पहले 24 स्तरीय खिलाड़ी तैयार करने का है। जैसे-जैसे सफलता मिलेगी, वैसे-वैसे लक्ष्य बढ़ा दिया जाएगा। 

ऐसे होगा प्रस्ताव पर काम 
0 यूनिवर्सिटी के स्टेडियम में ट्रायल लेकर चुने जाएंगे 24 योग्य खिलाड़ी
0 बायोमेकेनिकल एक्सपर्ट इनकी फिजिकल एनाटॉमी (शरीर रचना) रिपोर्ट तैयार करेंगे।
0 15 दिनी कैंप के दौरान खिलाड़ियों की ज्योमेट्री ऑफ मूवमेंट रिपोर्ट तैयार होगी।
0 इस रिपोर्ट और खिलाड़ियों की रुचि के खेल के बीच सक्सेस इंडेक्स नापा जाएगा।
0 अगर सक्सेस इंडेक्स 70 फीसदी से ज्यादा है तो खिलाड़ी को उसके खेल में ही रखा जाएगा।
0 इससे कम होने पर खिलाड़ियों को एनालाईसिस कैंप में रखकर समीक्षा की जाएगी।
0 एनालाइसिस कैंप में पहला चरण प्रिप्रेशन, दूसरा ऑब्जरवेश, तीसरा डाइग्नोसिस और चौथा आईडेंटिफाई होगा। 
0 चौथे स्टेज तक आते-आते यह तय हो जाएगा कि खिलाड़ी अपनी शारीरिक क्षमता के आधार पर किस खेल में सफल हो सकता है। 
0 इस चुनाव के बाद खिलाड़ी के लिए बेस्ट ट्रेनिंग एक्सरसाइज चुनी जाएगी। चोटों से बचाने व शरीर को फिट रखने के लिए फिजियो साथ रहेगा।
(डा. हुदा से बातचीत के आधार पर)

यूनिवर्सिटी कैंपस का खेल ढांचा
यूनिवर्सिटी में खेल-42
खिलाड़ी-लगभग 600
इंफ्रास्ट्रक्चर-इंडोर-आउटडोर स्टेडियम, जिम 
प्रोजेक्ट पर अनुमानित खर्च-5 लाख (पहले चरण में)

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