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मीट की जगह एएमयू छात्रों की थाली में दाल-सब्जी

एएमयू में छात्रों की थाली में मीट की जगह दाल-सब्जी ने ले ली है। छात्र शुद्ध शाकाहारी भोजन करने को मजबूर है। मन मारकर छात्रों को खाना पड़ रहा है। अवैध बूचड़खानों के बंद होने और मीट कारोबारियों की हड़ताल...

मीट की जगह एएमयू छात्रों की थाली में दाल-सब्जी
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 30 Mar 2017 09:32 PM
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एएमयू में छात्रों की थाली में मीट की जगह दाल-सब्जी ने ले ली है। छात्र शुद्ध शाकाहारी भोजन करने को मजबूर है। मन मारकर छात्रों को खाना पड़ रहा है। अवैध बूचड़खानों के बंद होने और मीट कारोबारियों की हड़ताल के चलते एएमयू के मीट मुहैया न होने के कारण थाली का मैन्यू बदल गया है।

यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं के 18 हॉल हैं। प्रत्येक छात्र से डायनिंग के एक हजार रुपये महीना लिए जाते हैं। डायनिंग हॉल के मैन्यू के हिसाब से रोज एक वक्त मीट छात्र-छात्राओं को खाने को मिलता था। एक सप्ताह से अवैध बूचड़खानों पर नकेल कसने से बाजार में मीट की कल्लित हो गई है। इसी कल्लित का रास्ता निकालने की मांग कर रहे मीट कारोबारी भी हड़ताल पर चले गए। ऐसे में मीट उपलब्ध ही नहीं हो रहा। इस कारण मैन्यू से मीट गायब हो गया। अब छात्र-छात्राओं को इसकी जगह रोज दाल और सब्जी दी जा रही है। तीनों वक्त एक सा भोजन छात्र-छात्राओं के हलक से नहीं उतर रहा।

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प्रत्येक हॉल में सप्ताह में एक दिन चिकन भी मिलता है। मीट की कल्लित की वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर कुछ आवासीय हॉलों ने दो दिन चिकिन दिया। चिकन की खपत बढ़ने और उसकी उपलब्धता कम होने से इसके दाम दोगुने हो गए। एक हजार रुपये में चिकन देना भी जेब पर भारी पड़ने लगा। हॉलों ने चिकन भी बंद कर दिया। अब छात्र इस कारण शुद्ध शाकाहारी भोजन कर रहे हैं।

एएमयू लाइसेंसी मीट वक्रिेता से एकमुश्त मीट खरीदेगी
थाली से मीट की गैर मौजूदगी पर एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने वीसी को पत्र लिख परेशानी बयां करते हुए लाइसेंसी मीट वक्रिेता या मीट फैक्ट्री से सभी हॉलों के लिए एकमुश्त मीट खरीदने का प्रस्ताव रखा था। जिस पर गुरुवार को डीएसडब्ल्यू प्रो. जमशेद सद्दिीकी ने हॉलों के प्रोवोस्टों के साथ बैठक कर उनके प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। तय किया कि किसी एक लाइसेंसी वक्रिेता से हॉलों के लिए जरूरत अनुसार मीट खरीदा जाएगा। इसे अंजाम देने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में वीएम हॉल के प्रोवोस्ट प्रो. शादाब खर्शीद, आईजी हॉल की प्रोवोस्ट डॉ. आसिया चौधरी, आफताब हॉल के प्रोवोस्ट प्रो. मैराज अहमद, सुलेमान हॉल के प्रो वोस्ट प्रो. सलमान हबीब और सैयद हामिद सीनियर सेकेंडरी स्कूल ब्वॉयज के प्रिंसिपल मेजर एसएम मुस्तफा को शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कमेटी के सदस्य शुक्रवार को वश्विवद्यिालय के हालों में मीट की सप्लाई को सुनश्चिति करने के लिए लाइसेंस होल्डर वेंडरों से सम्पर्क स्थापित करेंगे। इस संबंध में जिला प्रशासन से मुलाकात कर मीट की आपूर्ति बहाल कराने की मांग की जाएगी।

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मीट महंगा मिला तो बढ़ सकता है डायनिंग शुल्क
मीट की कल्लित और मांग को देखते हुए उसके महंगा मिलने के आसार हैं। एएमयू को मीट महंगे दामों पर मिला तो इसका सीधा असर छात्रों और उनके अभिभावकों की जेब पर पड़ सकता है। अतिरक्ति खर्च की स्थिति में उसकी पूर्ति के लिए डायनिंग का शुल्क बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। जब तक मीट सप्लाई सामान्य नहीं होती और रेट नहीं गिरते हरेक छात्र से 1300 रुपये महीने तक डायनिंग शुल्क लिया जा सकता है।

मीट न मिलने से छात्रों को तकलीफ हो रही है। जिसे रोज मीट खाने की आदत हो। उसे वो ही न मिले तो तकलीफ होगी। आप रोटी खाते हैं। अगर, रोज डोसा दिया जाए तो भी नहीं खा पाएंगे। कुछ दिन की दक्कित है। ज्यादा वक्त यह समस्या नहीं रहेगी। मीट कारोबारी सीएम से मिले हैं। इसका हल जल्द निकलेगा। तब तक एएमयू सभी हॉलों के लिए एकमुश्त मीट लाइसेंसी वेंडर से खरीदा जाएगा।   
जमीरउद्दीन शाह, वीसी, एएमयू

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