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गाजीपुर के कमलेश थे उपग्रह लांचिंग टीम के चीफ कंट्रोलर

इसरो ने बुधवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक साथ 20 सेटेलाइट अंतरिक्ष में लांच कर रुस और अमेरिका के बराबर पहुंचा तो इसमें गाजीपुर का भी एक विशेष योगदान जुड़ गया। इस लांचिंंग टीम में...

गाजीपुर के कमलेश थे उपग्रह लांचिंग टीम के चीफ कंट्रोलर
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 23 Jun 2016 01:04 PM
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इसरो ने बुधवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक साथ 20 सेटेलाइट अंतरिक्ष में लांच कर रुस और अमेरिका के बराबर पहुंचा तो इसमें गाजीपुर का भी एक विशेष योगदान जुड़ गया। इस लांचिंंग टीम में जिले के मूल निवासी वैज्ञानिक कमलेश शर्मा ने बतौर चीफ कंट्रोलर की भूमिका निभाई।

रेवतीपुर गांव निवासी अधिवक्ता वेदप्रकाश शर्मा के बेटे कमलेश ने पूर्व में भी 2013 में मंगलयान के सफल प्रक्षेपण में कन्ट्रोलर के रूप में बेहतर प्रदर्शन किया था। कमलेश की प्रतिभा को देखते हुए चेयरमैन एएस किरन कुमार ने इस महत्वपूर्ण प्रक्षेपण में एक बार पुन: उन्हें चीफ कन्ट्रोलर कि भूमिका दी, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक निभाया। 

टेलीफोन पर हुई बातचीत में कमलेश ने बताया कि यह भारत का ध्रुवीय उपग्रह प्रमोयक राकेट (पीएसएलवी-सी34) के भूप्रेक्षण के लिए एक साथ उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण हुआ। बताया कि इसरो ने पहली बार 20 उपग्रह एक साथ लांच किये। इसमें भारत के 3, अमेरिका के 13, कनाडा के 2, जर्मनी और इंडोनेशिया के एक-एक उपग्रह हैं। आज लांच सबसे प्रमुख उपग्रह कार्टोसैट-2 सीरीज के नियंत्रण में भारत का मुख्य योगदान रहा है।
 
उन्होंने बताया कि इसका नियंत्रण अब भी बेंगलुरू स्थित नियंत्रण कक्ष इस्ट्रैक से जारी है। इस प्रक्षेपण से पृथ्वी का अवलोकन करना, समुद्री सतह का सही इस्तेमाल का अवलोकन, पृथ्वी के सतह की मैपिंग और पानी वितरण कहां कहां कैसा है, की जानकारी करना आसान हो जाएगी।  बताया कि भारत दुनिया का पहला देश है। जिसने चांद पर पानी की खोज की। इसके प्रमाण मिलते ही इसरो ने चंद्रयान-2 का निर्माण कार्य जोरशोर से शुरू कर दिया। इसकी कामयाबी से चांद पर बस्ती बसाने की उम्मीदों को पर लगेंगे। 

दस गोल्ड मेडेल प्राप्त कर चुके हैं कमलेश  
कमलेश शर्मा का जन्म 15 सितम्बर 1986 को कस्बे के एक सामान्य परिवार में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही सरस्वती विद्या मन्दिर में हुयी। हाईस्कूल व इन्टर की शिक्षा जिला मुख्यालय स्थित महुआबाग आदर्श इन्टर कालेज में हुई और पूरे जिले में टॉप किया। उसके बाद बीएससी पीजी कालेज व परास्नातक लखनऊ विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण किया। इसमें कमलेश को विभिन्न शिक्षा क्षेत्रों में 10 गोल्ड मेडल प्राप्त हो चुके हैं। कमलेश ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पिता को दिया। 

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