नई सरकार आने से पुरानी योजनाओं पर लग सकता है ग्रहण, जानिए कैसे
समाजवादी स्मार्ट फोन योजना हो या 11 लाख की रकम व पचास हजार की पेंशन वाला यश भारती पुरस्कार। अखिलेश सरकार की इन स्कीमों पर गाज गिरना तय है। यही नहीं लैपटाप वितरण, कन्या विद्या धन, सपा पेंशन योजना,...
समाजवादी स्मार्ट फोन योजना हो या 11 लाख की रकम व पचास हजार की पेंशन वाला यश भारती पुरस्कार। अखिलेश सरकार की इन स्कीमों पर गाज गिरना तय है। यही नहीं लैपटाप वितरण, कन्या विद्या धन, सपा पेंशन योजना, साइकिल ट्रैक, बाईसाइकिल हाईवे, इटावा का लायन सफारी जैसी योजनएं भी राडार पर होंगी।
नई भाजपा सरकार आने वाले दिनों में अपने घोषणा पत्र की रोशनी में इन योजनाओं की समीक्षा करेगी और संभव है कि इनका नाम व स्वरूप बदल जाए। असल में, चौदह साल बाद सरकार में लौटी भाजपा को यूपी खासा बदला हुआ मिला है।
ऐसा राज्य जहां अब तक सरकारों ने अपने हिसाब व प्राथमिकताओं से ‘विकास के रंग’ भरे हैं। अब भाजपा व उसके नए मुख्यमंत्री को यूपी में ‘सबका साथ सबका विकास’ के लाइन पर सरकार चलानी है और आगे की तसल्ली के लिए आगाज प्रभावी तरीके से करना है। मोदी मैजिक से राज्य में प्रचंड बहुमत से सरकार तो बन गई। अब भाजपा को जनता की बेशुमार उम्मीदों को पूरा करने के लिए उसे मुकम्मल रोड मैप बनाना होगा।