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तीन बच्चों के मां-बाप ने 17 साल बाद रचाई शादी

लिव इन रिलेशन आज महानगरों में चर्चा का सबब है लेकिन गोरखपुर के एक पिछड़े गांव में एक युगल 17 साल से लिव इन में रह रहा था। उसने समाज के सैकड़ों तंज झेले लेकिन एक बार जो साथ रहने की कसम खाई तो फिर कभी...

तीन बच्चों के मां-बाप ने 17 साल बाद रचाई शादी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 05 Dec 2015 11:31 PM
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लिव इन रिलेशन आज महानगरों में चर्चा का सबब है लेकिन गोरखपुर के एक पिछड़े गांव में एक युगल 17 साल से लिव इन में रह रहा था। उसने समाज के सैकड़ों तंज झेले लेकिन एक बार जो साथ रहने की कसम खाई तो फिर कभी अलग नहीं हुए। उन्हें कभी शादी की जरूरत भी महसूस नहीं हुई। इस दौरान उनके तीन बेटे हुए। शनिवार को इन दोनों ने अपने रिश्ते को सामाजिक जामा दिया तो यह पूरे शहर में चर्चा का विषय बना।

गोरखपुर से 28 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद तिलौली गांव विकास और मानसिक स्तर पर औसत से कम माना जाता है। 17 साल पहले चौरीचौरा तहसील के इस गांव के दीनानाथ की कुशीनगर के मिश्रौली गांव निवासी सरोज से आंखें चार हुईं। दोनों ने बिना शादी के साथ रहने का फैसला किया। दो दशक पहले बिना शादी के रहना समाज के लिए अनोखी बात थी। सो समाज ने भरसक विरोध किया लेकिन दोनों की सेहत पर को कोई फर्क नहीं पड़ा और साथ रहने लगे।

उन्होंने समाज के तंज झेले लेकिन कभी अलग नहीं हुए। इन 17 सालों के दौरान दोनों के तीन बेटे हुए। बेटों ने भी कभी मां-बाप से कोई सवाल नहीं किया। सब आपस में खुशी-खुशी रहते थे।
 
समाजसेवी सरिता यादव के रिश्ते को सामाजिक जामा देने के लिए समझाने पर शनिवार को दीनानाथ और सरोज शादी के लिए तैयार हो गए। तरकुलहा देवी मंदिर में दोनों की विधि विधान से शादी हुई। इस दौरान दोनों के तीनों बेटों राहुल (15), विकास (12), गोलू (10) के अलावा तिलौली व मिश्रौली गांव के लोग मौजूद रहे।

शादी की पूरी व्यवस्था सरिता यादव ने किया था। ग्रामीणों का कहना है कि सत्रह वर्ष पहले दीनानाथ रिश्तेदारी में सरोज के गांव गया था। वहीं पर दोनों की मुलाकात हुई। दीनानाथ ने सरोज को अपने साथ रखने के लिए उसके परिवारीजनों से बात की। इस पर सरोज ओर दीनानाथ के परिवारीजन राजी हो गए, लेकिन गरीबी के कारण दोनों की शादी नहीं हो पाई।

तीन माह पूर्व मिली थी जानकारी : सरिता यादव
सरिता यादव का कहना है कि उन्हें तीन माह पूर्व जानकारी मिली थी कि दोनों अविवाहित रहते हुए एक साथ रहते हैं उनके तीन बच्चे भी हैं। उन्होंने दोनों को बुलाकर बात की और कहा कि पति-पत्नी के रूप में रहने के साथ शादी के रिवाज को भी पूरा करना चाहिए। उन्होंने समझाया कि बाद में चलकर समाज व बच्चे शादी को लेकर सवाल भी खड़े कर सकते हैं। दोनों ने उनकी बात मानी और शादी करने को राजी हो गए।
 

 

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