सीतापुर में घाघरा और शारदा नदियां और उफनाईं
बैराजों से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के चलते उफनाई घाघरा व शारदा नदियां गांजरी क्षेत्र में तबाही मचा रही हैं। मंगलवार को नदियों का जलस्तर और बढ़ गया। इससे क्षेत्र के डेढ़ दर्जन नए मजरों में...
बैराजों से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के चलते उफनाई घाघरा व शारदा नदियां गांजरी क्षेत्र में तबाही मचा रही हैं। मंगलवार को नदियों का जलस्तर और बढ़ गया। इससे क्षेत्र के डेढ़ दर्जन नए मजरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। रेउसा क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित मजरों की संख्या लगभग 70 हो गई है।
वहीं ग्राम पंचायत गौलोक कोडर के मजरा सिसैया बाजार के दस घर नदी की तेज धारा में बह गए। गौलोक कोडर का पच्चीसा गांव कई दिनों से टापू बना हुआ है। प्रशासन ने एक स्थान पर यहां के ग्रामीणों को बसाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन नीची जगह होने के कारण लोगों ने वहां बसने से इनकार कर दिया था।
घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ा : सोमवार की आधी रात के बाद से घाघरा नदी का जलस्तर और भी तेजी से बढ़ रहा है। इससे ग्राम पंचायत गौलोक कोडर के गोड़ियन पुरवा, कोनी, सिसैया बाजार, फौजदार पुरवा, लोधपुरवा, पासिनपुरवा, चन्द्रभाल पुरवा, जैतैहा, मरैली, निर्मलपुरवा, रामलालपुरवा, सम्बारीपुरवा के साथ-साथ आज श्याम नगर, सुन्दरनगर, नगीना पुरवा जलमग्न हो गए हैं। लोग जैसे-तैसे अपना सामान लेकर रेउसा बहराइच मार्ग पर व अन्य ऊंचे स्थानों पर डेरा डाल रहे हैं। इसके अलावा घाघरा नदी का पानी चहलारी, मारुबेहड़, लालपुर, रंडा कोडर आदि गांवों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।
भोजन और चारे का संकट : शारदा नदी भी लगातार कहर बरपा रही है।
यहां म्योड़ी छोलहा, पासिन पुरवा, धूसपुरवा, गोड़ियनपुरवा, ताहपुर, बजहा, कोलिया छड़िया आदि गांवों में शारदा नदी की बाढ़ पहुंच गई है। इस समय दोनों नदियों की बाढ़ से लोगों के सामने भोजन व पशुओं के चारे का भी संकट पैदा हो गया है। रामपुर मथुरा क्षेत्र में भी घाघरा का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है।