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बरेली आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता खत्म

सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएन) ने राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता खत्म कर दी है। अब कॉलेज ने नए सिरे से मान्यता के लिए आवेदन किया। इसी महीने सीसीआईएन की टीम कॉलेज के दौरे पर आ सकती...

बरेली आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता खत्म
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 15 Feb 2016 11:27 PM
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सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएन) ने राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता खत्म कर दी है। अब कॉलेज ने नए सिरे से मान्यता के लिए आवेदन किया। इसी महीने सीसीआईएन की टीम कॉलेज के दौरे पर आ सकती है।

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में स्टाफ की कमी और दूसरी सुविधाओं के अभाव के चलते सीसीआईएन ने मान्यता वापस ले ली है। लखनऊ और बनारस मेडिकल कॉलेज के अलावा काउंसिल को किसी भी कॉलेज में मानक पूरे नहीं मिले। काउंसिल हर साल कॉलेज को 40 सीटों पर प्रवेश देती थी मगर मान्यता खत्म होने के बाद कॉलेज में इस बार एक भी एडमिशन नहीं हुआ।
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प्राचार्य ने शासन व काउंसिल में जमा किए दस्तावेज
आयुर्वेदिक कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रीति शर्मा ने शासन को सीसीआईएन मेंं मान्यता से संबंधित सभी दस्तावेज जमा करा दिए हैं। अब केंद्रीय टीम कॉलेज का दौरा करेगी। इसके बाद यह तय होगा कि कॉलेज की मान्यता बहाल की जाएगी या नहीं। अगर मान्यता बहाल होने का फैसला हुआ तो भी कॉलेज को इस साल कोई एडमिशन नहीं मिलेगा।

इन वजहों से खत्म हुई मान्यता
- कॉलेज मेंं 60 बेड के अस्पताल का बुरा हाल है। अस्पताल के वार्ड खस्ताहाल हैं। यहां रात में कोई मरीज भर्ती नहीं रहता है।
- अंधेरा होने पर मरीज बोरिया बिस्तर समेटकर भाग खड़े होते हैं। जनरेटर और इन्वर्टर तक का इंतजाम नहीं है।
- कॉलेज में टीचिंग स्टाफ और कर्मचारियों की कमी है। शासन नया स्टाफ नहीं भेज रहा है।
-  आयुर्वेदिक कॉलेज मान्यता बचाए रखने के लिए केवल कागजों पर मरीज भर्ती करता है, खुल गई बात।
- आवारा कुत्ते कॉलेज कैंपस में मंडराते रहते हैं। छात्र, स्टाफ की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है।

बरेली के अलावा बाकी तमाम कॉलेजों की मान्यता भी समाप्त की गई है। हमने शासन में सभी कागज जमा कर दिए हैं। सीसीआईएन की टीम को कॉलेज का निरीक्षण करने आना है। हमें उम्मीद है कि निरीक्षण के बाद मान्यता फिर बहाल हो जाएगी और अगले साल कॉलेज में एडमिशन होंगे। पहले से पढ़ रहे विद्यार्थियों पर शासन के इस आदेश का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
- डॉ. प्रीति शर्मा, प्राचार्य, आयुर्वेदिक कॉलेज
 

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