बुंदेलखंड में बाढ़ की विभीषका जारी, प्रशासन सतर्क
बुंदेलखंड में बाढ़ की विभीषिका जारी है। बांदा में केन के बाद अब यमुना ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। यमुना भी खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रशासन...
बुंदेलखंड में बाढ़ की विभीषिका जारी है। बांदा में केन के बाद अब यमुना ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। यमुना भी खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रशासन सतर्क हो गया है। यहां एनडीआरएफ और पीएसी ने मोर्चा संभाल लिया है। चित्रकूट के कई इलाकों का संपर्क कट गया है। हमीरपुर, झांसी और ललितपुर में बेतवा उफान पर हैं। अलग-अलग दो लड़कियों की डूबने से मौत हो गई। पानी भरने के कारण महोबा से नवगांव मार्ग को बैरीकेडिंग लगाकर बन्द कर दिया गया है। उफनाने के कारण उर्मिल बाँध के पानी से उत्तपन्न खतरे को देखेत हुए यहां से छोटे बड़े सभी वाहनों के गुजरने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। ।
बांदा में खतरे का निशान पार कर चुकी केन नदी का पानी दर्जनों गांवों में जमा है। केन्द्रीय जल आयोग 12 घंटे में केन का जल स्तर घटने की संभावना जता रहा है मगर यमुना जिस तेजी से बढ़ रही हैं, उससे हालात बेकाबू होने की आशंका है। लोगों ने स्कूल की छतों और गांव के बाहर डेरा जमा रखा है। जसपुरा क्षेत्र की चंद्रायल नदी में नहाने गई छात्रा बह गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
चित्रकूट में यमुना की बाढ़ सेमऊ व राजापुर क्षेत्र के कई गांव घिर गए हैं। क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क कट गया है। यमुना का जलस्तर चार सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। हमीरपुर में बेतवा और यमुना के चेतावनी बिंदु पार करने से तटीय इलाकों की बस्तियां खाली होने लगी हैं। उधर, इचौली से निकले श्याम नाले के तेज बहाव में रविवार को दो सगी बहनें डूब गईं। इसमें एक की मौत हो गई।
माताटीला और पारीछा बांध से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से झांसी और ललितपुर में बेतवा और धसान नदियां उफान पर रहीं। बड़ागांव और एरच में बेतवा खतरे के निशान से ऊपर रही। धसान में उफान के कारण मऊरानीपुर के कई रिपटे डूब गए हैं। ललितपुर में भी निचले इलाकों में खेतों और घरों में भी पानी भर गया। प्रशासन ने इन इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क कर दिया है।