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DND हुआ टोल फ्री, HC ने कहा- लागत से ज्यादा वसूली हुई

दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाई ओवर पर अब किसी भी गाड़ी को टोल नहीं देना होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए डीएनडी (दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट) फ्लाईओवर में टोल वसूली...

DND हुआ टोल फ्री, HC ने कहा- लागत से ज्यादा वसूली हुई
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 26 Oct 2016 08:11 PM
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दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाई ओवर पर अब किसी भी गाड़ी को टोल नहीं देना होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए डीएनडी (दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट) फ्लाईओवर में टोल वसूली पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि प्रोजेक्ट की वसूली के बाद कंपनी को यूजर चार्ज या टोल वसूली की अनुमति देना गलत है।

कोर्ट ने कहा कि कंपनी से खुद ही माना है कि डीएनडी पर 31 मार्च 2014 तक 810.18 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि 2013-14 तक 300 करोड़ की वसूली शेष है। कंपनी की यह गणना समझ से परे है। कंपनी किस तरीके से लागत की गणना कर रही है और कैसा करार किया है कि वसूली जारी रहने के बावजूद फ्लाईओवर की लागत बढ़ती जा रही है।

4 साल के संघर्ष के बाद DND हुआ फ्री, 1103 करोड़ की हुई कमाई

जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस सुनीता अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा है कि डीएनडी पर भविष्य में कभी भी टोल नहीं लगेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई रोजाना सुनवाई कर रही थी।

इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत कह चुकी है कि नोएडा अथॉरिटी और टोल ब्रिज कंपनी के बीच हुए मनमाने करार का खामियाजा आम जनता को भुगतने देना कतई ठीक नही है। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि ओवर ब्रिज की लागत से ज़्यादा की वसूली होने के बाद लोगों से टैक्स वसूलना गलत है।

टोल रोकने के लिए 2012 में दाखिल हुई याचिका

वर्ष 2012 में दाखिल याचिका में कहा गया था कि डीएनडी फ्लाईओवर की लागत वसूली जा चुकी है इसलिए वहां टोल वसूली बंद कर देना चाहिए। कंपनी की ओर से कहा गया कि कंपनी का नोएडा से  30 साल के लिए करार हुआ है। कंपनी संविदा शर्तों के मुताबिक टोल ले रही है। वर्ष 2013 में 120 करोड़ तो 2014 में 100 करोड़ की टोल वसूली की लेकिन खर्चों के कारण कंपनी को घाटा हो रहा है फ्लाईओवर की लागत पांच हजार करोड़ पहुंच चुकी है। इस अवधि वह फ्लाईओवर की लागत 407 करोड़ रुपये नहीं वसूल पाती तो उसे प्रोजेक्ट नोएडा के हवाले करना होगा। संविदा यदि बीच में भंग होती है तो नोएडा टोल ब्रिज कंपनी को दो हजार करोड़ रुपये हर्जाना देगा। यह भी कहा कि संविदा रद्द होते ही कंपनी के शेयर गिर जाएंगे। निवेशक हाथ खींच लेंगे जिससे कंपनी बर्बाद हो जाएगी।

अजीबोगरीब करार

नोएडा व टोल कंपनी के डीएनडी फ्लाईओवर के लिए करार हुए, जिसमें संशोधन कर टोल कंपनी को पूरी लागत वसूलने तक टोल वसूली का छूट दे दी गई। मामले के तथ्यों के अनुसार फ्लाईओवर की लागत लगभग 450 करोड़ थी जो 31 मार्च 2011 कोबढ़कर 2168 करोड़ पहुंच गई। तब यह करार हुआ कि टोल कंपनी एक अप्रैल 2031 तक टोल वसूली करने के बाद फ्लाईओवर नोएडा को हस्तांतरित कर देगी। यह शर्त भी लगाई गई कि यदि नोएडा बीच में मनमाने तरीके से करार निरस्त करता है तो टोल कंपनी को 2168 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा और यदि कंपनी 1 अप्रैल 2031 तक 2168 करोड़ की वसूली नहीं कर पाती तो शेष राशि का भुगतान नोएडा करेगा।

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