जान पर भारी लापरवाही: 5 बड़े सड़क हादसे जिनमें बच्चों ने गंवाई जान
बड़े स्कूल सड़क हादसे उत्तर प्रदेश के एटा जिले में गुरूवार को सुबह एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। इस भीषण हादसे में 12 बच्चों की मौत हो गई, इसके अलावा स्कूल बस के ड्राइवर की भी मौत हो गई। हादसे में 18 ब
बड़े स्कूल सड़क हादसे
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में गुरूवार को सुबह एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। इस भीषण हादसे में 12 बच्चों की मौत हो गई, इसके अलावा स्कूल बस के ड्राइवर की भी मौत हो गई। हादसे में 18 बच्चे घायल हो गए। 14 बच्चों की हालत गंभीर देख सैफई, फर्रुखाबाद और आगरा रेफर किया गया है।
जानकारी के मुताबिक कोहरे की वजह से स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन स्कूलों ने इस आदेश को नजरअंदाज किया। स्कूल जाते समय कोहरे और तेजगति की वजह से गांव असदपुर के पास यह हादसा हुआ है।
19 January 2017: यूपी के एटा जिले के अलीगंज में स्कूल बस की ट्रक से टक्कर में 12 बच्चों की मौत। 18 बच्चे गंभीर रुप से घायल बताए जा रहे हैं।
25-July-2016: यूपी के भदोही में माधोसिंह स्टेशन के पास स्थित बिना गेट वाली रेल क्रासिंग पर सोमवार की सुबह स्कूल वैन पैसेंजर ट्रेन से टकरा गई। हादसे में आठ बच्चों की मौत हो गई और 9 घायल हो गए। इनमें तीन को बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वैन चालक भी गंभीर है।
20-Jun-2016: कर्नाटक में एक स्कूल वैन और बस की टक्कर होने से 8 बच्चों की मौत हो गई थी। और 11 बच्चे घायल हुए थे। यह हादसा बेंगलुरु से 400 किलोमीटर दूर कुंडापुर में हुआ था।
24 July 2014: तेलंगाना में एक स्कूल बस ट्रेन से टकराई। इस हादसे में 25 स्कूली बच्चों समेत 26 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा मेडक जिले में रेलवे क्रॉसिंग पर हुआ था। जब बस क्रॉसिंग को पार कर रही थी।
4 March 2013: पंजाब के नकोदर शहर के नजदीक सोमवार सुबह एक स्कूल बस और ट्रक के बीच हुई टक्कर में एक और बच्चे की मौत हो जाने के साथ मरने वाले स्कूली बच्चों की संख्या 12 हो गई। इस हादसे में बस चालक भी मारा गया था।
20 March 2012: आंध्र प्रदेश के खम्मम जिले में स्कूल बस एक नहर गिर गई थी। जिससे 10 बच्चों की मौत हो गई थी। इसमें लगभग 18 बच्चे घायल हो गए थे।
आगे की स्लाइड में पढ़ें सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन
जान पर भारी लापरवाही: 5 बड़े सड़क हादसे जिनमें बच्चों ने गंवाई जान
सुप्रीम कोर्ट की यह है गाइड लाइन
- बसों में स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए
- स्कूली बसों में फर्स्ट एड की व्यवस्था करें।
- वाहन चालक को न्यूनतम 5 वर्ष का वाहन चालने का अनुभव होना चाहिए
- प्रत्येक बसों में फायर एक्सटिंग्युशर लगाएं।
- वाहन पर पीला रंग हो जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम होना चाहिए
- बसों के आगे-पीछे स्कूल बस अंकित हो।
- एजेंसी से अनुबंध पर ली गई बसों पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखें।
- स्कूल बसों में सीट क्षमता के अनुरूप ही छात्र को बिठाएं।
- प्रत्येक स्कूल बस में हॉरिजेंटल ग्रिल लगे।
- बसों के दरवाजे को अंदर से बंद करने की व्यवस्था करें।
- बस चालक के अलावा एक और बस चालक साथ में होना जरूरी।
- बसों में बैग रखने के लिए सीट के नीचे व्यवस्था होनी चाहिए।
- बसों में टीचर हो, जो बच्चों पर नजर रखे।
अभिभावक भी दें ध्यान:-
- अभिभावक समय समय पर बस के बारे में बच्चों से पूछताछ करते रहें।
-पेरेंट्स बच्चों से स्कूल बस के ड्राइवर व्यवहार के बारे में जानकारी लेते रहें।
- पेरेंट्स फोन पर कभी-कभी बस की स्थिति का पता लगा सकते हैं।
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