पीलीभीत मुठभेड़ कांड, 47 पुलिस वाले दोषी करार
करीब 25 साल पहले पीलीभीत जिले में हुई एक 'फर्जी मुठभेड़' के मामले में राजधानी की सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। यह मुठभेड़ पीलीभीत के तीन थाना क्षेत्रों में हुई थी। इसमें 11...
करीब 25 साल पहले पीलीभीत जिले में हुई एक 'फर्जी मुठभेड़' के मामले में राजधानी की सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। यह मुठभेड़ पीलीभीत के तीन थाना क्षेत्रों में हुई थी। इसमें 11 सिख तीर्थयात्रियों को उग्रवादी बताकर मार डाला गया था।
सीबीआई जांच में मुठभेड़ फर्जी पाई गई। इसके बाद 57 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपहरण, हत्या और साजिश रचने आदि की संगीन धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई थी। 25 वर्ष के दौरान इसमें से 10 पुलिस वालों की मौत हो गयी। बाकी बचे 47 मुल्जिमों को शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इस मामले में सजा के बिंदुओं पर चार अप्रैल को फैसला होगा और इसी के बाद सजा सुनाई जाएगी।
सीबीआई के विशेष जज लल्लू सिंह की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। 12 जुलाई, 1991 को नानकमथा, पटना साहिब, हुजूर साहिब व अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हुए 25 सिख तीर्थ यात्रियों का जत्था वापस लौट रहा था, जब सुबह करीब 11 बजे पीलीभीत जिले के कछालाघाट पुल के पास पुलिस ने इन यात्रियों की बस यूपी-26, 0245 रोक ली। इनमें से 11 सिख तीर्थ यात्रियों को बस से उतार लिया गया। जिन्हें बाद में मुठभेड़ बताकर मार डाला गया।