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आठवीं तक फेल की नीति फिर लागू होगी

केंद्र सरकार छात्रों को फेल न करने की नीति अगले साल से खत्म कर सकती है। इस पर राज्यों की मंजूरी लेकर संसद में विधेयक लाया जाएगा। अभी शिक्षा के अधिकार कानून के तहत पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों को...

आठवीं तक फेल की नीति फिर लागू होगी
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 10 Oct 2016 01:05 AM
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केंद्र सरकार छात्रों को फेल न करने की नीति अगले साल से खत्म कर सकती है। इस पर राज्यों की मंजूरी लेकर संसद में विधेयक लाया जाएगा। अभी शिक्षा के अधिकार कानून के तहत पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों को फेल नहीं किया जा सकता है।

राज्य भी समर्थन में: यह नीति 2010 से देशभर में लागू है। एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी वजह से बच्चों में पढ़ने-लिखने की रुचि कम हो रही है। केंद्र सरकार ने राज्यों से इस पर सुझाव मांगे थे। करीब 18 राज्यों ने इसे खत्म करने का समर्थन किया था। बाकी राज्यों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी।

शीतकालीन सत्र में विधेयक: मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार, राज्यों से चर्चा के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 25 अक्तूबर को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक में राज्यों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा होगी। यदि राज्य सरकारें राजी होती हैं तो शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक लाकर सरकार इस दिशा में आगे बढ़ेगी। इस मामले में और देरी करना सरकार सही नहीं मान रही है।

आदेश के जरिये बदलाव नहीं : केंद्र सरकार इस विकल्प पर भी विचार कर रही थी कि एक सरकारी आदेश के जरिये इस नीति में बदलाव किया जाए। लेकिन कानून मंत्रालय ने इस पर असहमति जताई है। क्योंकि ऐसे आदेश को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इसलिए नीति में बदलाव के लिए सरकार को संसद में ही जाना पड़ेगा।

राज्यों की सहमति : केंद्र सरकार राज्यों का रुख देखना चाहती है। यदि सभी बड़े राज्य तैयार होते हैं और लगता है कि जिन राज्यों ने बदलाव का समर्थन किया है, वहां सत्तारूढ़ दलों के सांसद इसका समर्थन करेंगे तो सरकार कानून में संशोधन करेगी।

सिर्फ दो कक्षाओं में नहीं: इस मुद्दे पर मंत्रालय के पास कई विकल्प थे। एक प्रस्ताव यह था कि सिर्फ पांचवीं और आठवीं में ही फेल करने का प्रावधान हो। लेकिन मंत्रालय इससे सहमत नहीं है। उसका मानना है कि सिर्फ दो कक्षाओं में पास-फेल का औचित्य नहीं है।


 

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