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उत्तराखंड में शक्ति परीक्षण पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक जारी रखते हुए कहा कि राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन बना रहेगा। कोर्ट के इस निर्देश का मतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा में 29 अप्रैल को...

उत्तराखंड में शक्ति परीक्षण पर रोक
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 Apr 2016 12:18 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक जारी रखते हुए कहा कि राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन बना रहेगा। कोर्ट के इस निर्देश का मतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा में 29 अप्रैल को प्रस्तावित शक्ति परीक्षण नहीं होगा।

13 तक फैसला: जस्टिस दीपक मिश्रा और शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के लिए 3 मई की तारीख तय कर दी। इस दौरान केंद्र और हरीश रावत अपनी दलीलें पेश करेंगे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले का फैसला गर्मियों की छुट्टियों से पहले दे दिया जाएगा। सर्वाेच्च अदालत में ग्रीष्मावकाश 13 मई से शुरू है। इसका अर्थ यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट मामले को संविधान पीठ को नहीं सौंपेगा।

शक्ति परीक्षण पर सोचें: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने हाईकोर्ट को फैसला पढ़ लिया है। हमने केंद्र सरकार के लिए सात सवाल तैयार किए हैं। सरकार इन पर अपना दृष्टिकोण दे। कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा कि इस दौरान वह विधानसभा में शक्ति परीक्षण के बारे में सोचे। इसका अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कड़ा विरोध किया और कहा कि राष्ट्रपति शासन के जारी रहते यह संभव नहीं है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह सोचकर तो देंखें। अंत में शक्ति परीक्षण से ही फैसला होगा। उधर, हरीश रावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक  मनु सिंघवी ने शक्ति परीक्षण पर जोर दिया। सिंघवी ने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जा सकता।

 

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