सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक फैसले में कहा है कि चयन प्रक्रिया से गुजरते समय आपत्ति नहीं करने वाला उम्मीदवार विफल होने के बाद प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठा सकता है। यह चयन जिला अदालत मुजफ्फरपुर, बिहार में चतुर्थ श्रेणी से तृतीय श्रेणी में पदोन्नति के लिए किया गया था। कई विफल उम्मीदवारों की याचिका पर पटना हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इस चयन को रद्द कर दिया था।
उनका कहना था कि नियुक्तियां गैरकानूनी हैं, क्योंकि लिखित परीक्षा के लिए 85 फीसदी अंक और साक्षात्कार के लिए 15 फीसदी अंक रखने के नियम का पालन नहीं किया गया है। बाद में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने फैसले को रद्द कर दिया, जिसके बाद उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। शीर्ष अदालत ने उम्मीदवारों की अपील खारिज कर दी।