फोटो गैलरी

Hindi Newsछत्तीसगढ़ के प्रयाग में विष्णु

छत्तीसगढ़ के प्रयाग में विष्णु

महानदी के तट पर बसे छोटे-से शहर राजिम में हर साल माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि के बीच विशाल मेला लगता है, जिसे राजिम कुंभ के नाम से जाना जाता है। माघ पूर्णिमा को भगवान राजीव लोचन का जन्मदिन माना जाता...

छत्तीसगढ़ के प्रयाग में विष्णु
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 01 Jun 2015 06:58 PM
ऐप पर पढ़ें

महानदी के तट पर बसे छोटे-से शहर राजिम में हर साल माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि के बीच विशाल मेला लगता है, जिसे राजिम कुंभ के नाम से जाना जाता है। माघ पूर्णिमा को भगवान राजीव लोचन का जन्मदिन माना जाता है। लोगों का मानना है कि माघ पूर्णिमा की सुबह इस संगम में स्नान करने से लोगों को व्याघ्र-बाधाओं एवं पापों से मुक्ति मिल जाती है। राजिम कुंभ के समापन अवसर पर महाशिवरात्रि को भव्य शाही स्नान का आयोजन होता है। महानदी, पैरी और सोंढूर नदी के संगम पर स्थित राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। राजिम में कई मंदिर हैं, जो आठवीं से 14वीं सदी के मध्य बने हुए हैं।

इनमें राजीव लोचन मंदिर प्रमुख है। यह महानदी के पूर्वी तट पर बना है। इसका निर्माण नलवंशी नरेश विलासतुंग ने आठवीं सदी में करवाया था। यह भगवान विष्णु का मंदिर है। मंदिर चतुर्थाकार में बनाया गया है। इसके उत्तर और दक्षिण में प्रवेश द्वार बने हुए हैं। एक प्रवेश द्वार नदी के तट की तरफ है। महामंडप के बीच में गरुड़ हाथ जोड़े खड़े हैं। गर्भगृह में राजीव लोचन यानी विष्णु जी की काले पत्थर से बनी चतुर्भुज आकार की मूर्ति सिंहासन पर स्थित है। इसके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म है। इसकी लोचन के नाम से पूजा होती है। गर्भगृह के द्वार पर दाएं, बाएं और ऊपर चित्र हैं। इन पर सर्पाकार मानव आकृति अंकित है और मिथुन की मूर्तियां हैं।

वैसे तो मंदिर का इंतजाम देखने के लिए ट्रस्ट बना हुआ है, पर राजा रत्नाकर के समय से ही राजीव लोचन मंदिर में क्षत्रिय पुजारी नियुक्त हैं। ये जनेऊ धारण करते हैं। स्तुति पाठ के लिए ब्राह्मण पुजारी भी तैनात किए जाते हैं, पर मुख्य पूजा क्षत्रिय पुजारी ही कराते हैं। मुख्य मंदिर के चारों ओर नृसिंह अवतार, बद्री अवतार, वामनावतार, वराह अवतार के मंदिर हैं। मंदिर के आयताकार महामंडप में कई सुंदर मूर्तियां सजी हैं। राजिम के दूसरे दर्शनीय मंदिर हैं- राजेश्वर मंदिर, दानेश्वर मंदिर, रामचंद्र मंदिर, पंचेश्वर महादेव मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, भूतेश्वर मंदिर, राजिम तेलिन मंदिर एवं सोमेश्वर महादेव मंदिर।

कैसे पहुंचें:  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से राजिम की दूरी 40 किलोमीटर है। यहां सड़क मार्ग के अलावा नैरो गेज रेलवे से भी जाया जा सकता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें