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कोल, महली जनजाति में है बी प्लस ब्लड ग्रुप की अधिकता

क्या आप जानते हैं कि कोल और महली जनजातियों में बी प्लस ब्लड ग्रुप की अधिकता है। यह जानकारी आईएएस अफसर मनीष रंजन की किताब झारखंड के चौथे संस्करण में दी गई है। मनीष रंजन ने अपनी किताब में जनजातीय समाज...

कोल, महली जनजाति में है बी प्लस ब्लड ग्रुप की अधिकता
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 19 Mar 2017 09:55 PM
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क्या आप जानते हैं कि कोल और महली जनजातियों में बी प्लस ब्लड ग्रुप की अधिकता है। यह जानकारी आईएएस अफसर मनीष रंजन की किताब झारखंड के चौथे संस्करण में दी गई है। मनीष रंजन ने अपनी किताब में जनजातीय समाज के बारे में और भी कई रोचक जानकारी दी है। कोल जनजाति दुमका, देवघर और गिरिडीह जिलों में निवास करती है। वहीं महली जनजाति लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, सिंहभूम, संतालपरगना और धनबाद जिलों में पाई जाती है। हालांकि, किताब में इन दोनों जनजातियों में बी प्लस ब्लड ग्रुप की अधिकता की जानकारी देने के वावजूद इसके कारणों के बारे में नहीं बताया गया है।कला प्रेमी है महली जनजाति पुस्तक में कहा गया है कि महली जनजाति कला प्रेमी है। यह जनजाति गायन, वादन और बांस से जुड़ी दूसरी कलाओं में दक्ष मानी जाती है। दूर-दूर के गांवों में छिटपुट रूप से बसे होने के कारण इनका कोई सामाजिक संगठन विकसित नहीं हो पाया है। इनके सामाजिक कार्य बंधी-बंधाई परंपरा के सहारे चलते हैं। पुस्तक में चीक बड़ाइक जनजाति को हाथ से बने कपड़ों का जनक बताया गया है। यह माना जाता है कि इसी जनजाति ने पहली बार हाथ से कपड़े बुने।

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