पिपरवार में दिखा कलियुग का श्रवण कुमार
श्रवण की तरह अपने माता-पिता की सेवा करने वाले पुत्रों की आज भी कमी नहीं है। इसका ताजा उदाहरण पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र से सटे बुंडू पंचायत के किरीगड़ा गांव में सोमवार को देखने को मिला। यहां कलियुग के...
श्रवण की तरह अपने माता-पिता की सेवा करने वाले पुत्रों की आज भी कमी नहीं है। इसका ताजा उदाहरण पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र से सटे बुंडू पंचायत के किरीगड़ा गांव में सोमवार को देखने को मिला। यहां कलियुग के श्रवण कुमार कहे जाने वाले गांव के ही 40 वर्षीय द्वारिका महतो ने टोकरी में अपने वृद्ध पिता कन्नी महतो और वृद्ध माता जसवा देवी को लेकर कंधे में लटका कर गांव में हो रहे शिव प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ में यज्ञशाला की परिक्रमा कराया। द्वारिका महतो जब टोकरी में अपने माता-पिता को बैठाकर घर से निकला तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यज्ञशाला के समीप पहुंचने के बाद उसने यज्ञाचार्य से अपने माता-पिता को कंधे पर लेकर यज्ञशाला की परिक्रमा करने का संकल्प लिया और यज्ञशाला की परिक्रमा की। द्वारिका के द्वारा किए गए इस पुनीत कार्य में उसकी पत्नी और उसके बेटे ने भी भरपूर सहयोग दिया। उसके द्वारा किए गए इस कार्य को देखते हुए गांव के लोगों और यज्ञ कराने वाराणसी से आए यज्ञाचार्य ने द्वारिका को कलियुग का श्रवण कुमार की संज्ञा दी है।
कार्य की सराहना
किरीगड़ा गांव के द्वारिका महतो के द्वारा किए गए इस पुनित कार्य की सराहना पूरे गांव के साथ-साथ पूरे पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र में हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि द्वारिका महतो अपने माता-पिता की काफी सेवा करता है और आस-पास के गांव में होने वाले यज्ञ में इसी प्रकार टोकरी में बैठाकर यज्ञशाला की परिक्रमा कराता है।