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जल्द पुराने स्वरूप में दिखेगा मलूटी, 6.75 करोड़ होंगे खर्च

दुमका के शिकारीपाड़ा स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल मलूटी के मंदिर जल्द अपने पुराने स्वरूप में नजर आएंगे। इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट (आईटीआरएचडी) मंदिरों के पुराने स्वरूप को दर्शाने के...

जल्द पुराने स्वरूप में दिखेगा मलूटी, 6.75 करोड़ होंगे खर्च
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 05 May 2017 04:22 PM
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दुमका के शिकारीपाड़ा स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल मलूटी के मंदिर जल्द अपने पुराने स्वरूप में नजर आएंगे। इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट (आईटीआरएचडी) मंदिरों के पुराने स्वरूप को दर्शाने के लिए काम कर रहा है।

आईटीआरएचडी के झारखंड प्रमुख एसडी सिंह ने बताया कि पहले चरण में अभी 20 मंदिरों में संरक्षण का काम चल रहा है। 18 महीने में इसे पूरा करने की संभावना है। मलूटी के विकास के लिए 6.75 करोड़ खर्च किए जाएंगे। गुरुवार को विभागीय समीक्षा के दौरान सीएम रघुवर दास ने मलूटी को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है।

टूट चुकी हैं मंदिरों की इमारतें : झारखंड के एकमात्र संरक्षित स्थल मलूटी में 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच राजाओं ने 108 मंदिरों का निर्माण कराया। धीरे-धीरे मंदिर जीर्ण होते चले गए। इसकी कई इमारतें और कलाकृतियां टूट कर धंस चुकी हैं। दिल्ली में एक प्रदर्शनी के दौरान जब मलूटी की झांकी को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर राज्य सरकार ने इसे संरक्षित करने का काम शुरू किया। इसके लिए आइटीआरएचडी के साथ एमओयू हुआ था।

मलूटी के बारे में

मलूटी दुमका जिले में शिकारीपाड़ा के निकट एक छोटा सा कस्बा है। यहां 72 पुराने मंदिर हैं जो बज बसन्त वंश के राज्यकाल में बने थे। इन मन्दिरों में रामायण, महाभारत और अन्य हिन्दू ग्रन्थों की विविध कथाओं के दृश्यों का चित्रण है।

20 मंदिरों में संरक्षण का काम चल रहा है पहले चरण में

18 महीने में पहले चरण का काम पूरा होने की संभावना है

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