झारखंड विधानसभा के चार विधायक निलंबित, झामुमो के तीन और कांग्रेस के एक शामिल
झारखंड विधानसभा के चार विधायकों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित विधायकों में झामुमो के शशिभूषण सामड़, पौलुस सुरीन, अमित कुमार महतो एवं कांग्रेस के इरफान अंसारी शामिल हैं। चारों का निलंबन 19 जनवरी...
झारखंड विधानसभा के चार विधायकों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित विधायकों में झामुमो के शशिभूषण सामड़, पौलुस सुरीन, अमित कुमार महतो एवं कांग्रेस के इरफान अंसारी शामिल हैं। चारों का निलंबन 19 जनवरी से 31 मार्च 2017 तक रहेगा। गुरुवार को विधानसभा की सदाचार समिति ने इस आशय का प्रस्ताव सदन में रखा। सदन से इस प्रस्ताव पर सहमति ली गई। सदन ने ध्वनिमत से इस पर मंजूरी दे दी। निलंबन अवधि के दौरान चारों निलंबित विधायकों का वेतन नहीं मिलेगा। इनकी सुरक्षा तत्काल वापस ले ली गई है। इस संबंध में विधानसभा से देर शाम अधिसूचना जारी हो गई। झारखंड विधानसभा की इस तरह की पहली घटना है।
क्या हैं आरोप
23 नवंबर 2016 को विधानसभा की कार्यवाही बाधित करना।
विधायकों द्वारा अमर्यादित आचरण, असंसदीय भाषा का प्रयोग करना।
सभा का संचालन कर रहे विधानसभा अध्यक्ष पर स्प्रे छिड़काव करना।
सभा में रखे माइक व उपस्करों को तोड़कर उसके टूटे हुए हिस्से से स्पीकर
सदन में कुर्सियों को तोड़ना, टेबल पर चढ़ स्प्रे करना
टूटी कुर्सी से अध्यक्ष के आसन पर प्रहार
सभा की अवमानना एवं विशेषाधिकार हनन
सदाचार समिति के सभापति ने रखी रिपोर्ट
विधानसभा की सदाचार समिति के सभापति सत्येंद्र नाथ तिवारी ने भोजनावकाश के बाद समिति की रिपोर्ट और अनुशंसा सदन के पटल पर रखी। स्पीकर दिनेश उरांव ने समिति की अनुशंसा पर सदन का मंतव्य मांगा। ध्वनिमत से इसे मंजूरी दे दी गई।
19 जनवरी से 31 मार्च 2017 तक चारों विधायक रहेंगे निलंबित। निलंबन अवधि तक उन्हें वेतन भत्ता व सुरक्षा की सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
निलंबित विधायक
झामुमो के शशिभूषण सामड़, पौलुस सुरीन, अमित कुमार महतो एवं कांग्रेस के इरफान अंसारी शामिल हैं। इसमें झामुमो के अनिल मुर्मू का भी नाम शामिल था। लेकिन इस बीच उनका निधन हो जाने से नाम कट गया।
सदाचार समिति में कौन-कौन
सदाचार समिति के सभापति सत्येंद्र नाथ तिवारी (भाजपा), शिवशंकर उरांव (भाजपा), रामकुमार पाहन (भाजपा), हरेकृष्ण सिंह (भाजपा) और देवेंद्र सिंह (कांग्रेस) सदस्य हैं।
डा. जीतूचरण राम ने स्पीकर को लिखा था पत्र
भाजपा विधायक जीतूचरण राम ने अध्यक्ष से घटना की लिखित शिकायत की थी। 24 नवंबर 2016 को अध्यक्ष को शीतकालीन सत्र के 23 नवंबर की घटना का जिक्र करते हुए मामले की जांच सदाचार समिति से कराकर समुचित निर्णय लेने का लिखित आग्रह किया था।
समिति ने चारों विधायकों को बुलाया था
समिति के सभापति सत्येंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि सभी चारों विधायकों को अपना पक्ष रखने को बुलाया था। लेकिन वे नहीं आए।