रेल बजट एक भ्रमजाल: पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी
पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने रेल बजट- 2016-17 की आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा कि यह एक भ्रमजाल, सरकार देश को दिग्भ्रमित कर रही है। त्रिवेदी ने कहा, ''प्रभु ने जो पेश किया है वह रेल...
पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने रेल बजट- 2016-17 की आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा कि यह एक भ्रमजाल, सरकार देश को दिग्भ्रमित कर रही है।
त्रिवेदी ने कहा, ''प्रभु ने जो पेश किया है वह रेल बजट नहीं, बल्कि भ्रम फैलाने वाले बयानों का पुलिंदा है।'' उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बजट के जरिए देश को दिग्भ्रमित किया है, क्योंकि इस बजट में न तो कोई सोच है और न ही इसकी कोई दिशा है।''
त्रिवेदी ने कहा कि सुरेश प्रभु एक फेल छात्र हैं, जिसके पास यह साहस नहीं है कि वह एक साल में हुए कार्यो के आंकड़ों के साथ संसद का सामना करे। उन्होंने कहा कि जिस तरह एक फेल छात्र हर विषय में मिला अंक अपने अभिभावक को नहीं दिखाना चाहता, उसी तरह प्रभु ने भी संसद में कोई आंकड़ा पेश नहीं किया, सबकुछ छुपा गए।
त्रिवेदी की नजर में सरकार ने एक बार फिर देश को बेवकूफ बनाया है। उनके मुताबिक, हकीकत में यह रेल बजट है नहीं है, क्योंकि बजट में कोई आंकड़ा था ही नहीं। इसमें सिर्फ वादे और बड़ी-बड़ी बातें की गईं हैं। याद रहे कि तृणमूल कांग्रेस नेता त्रिवेदी जब रेलमंत्री थे, रेल बजट पेश करने के कुछ ही दिनों बाद उनसे इस्तीफा मांग लिया गया था।
उन्होंने कहा, ''इस तरह का रेल बजट पेश कर प्रभु ने संसद का समय जाया किया है। इस तरह से बजट पेश नहीं होना चाहिए, जिसमें सिर्फ भविष्य की बातें कही गईं हों।'' त्रिवेदी ने कहा, ''वह नाराज नहीं हैं लेकिन निराश जरूर हैं।'' त्रिवेदी रेल मामले की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं और बैरकपुर से तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य हैं। वह संप्रग-2 शासन के दौरान 11 जुलाई, 2011 से 18 मार्च, 2012 तक रेलमंत्री थे।