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बच्चों के जरिए कही जानी चाहिए हर प्रदेश की कहानी

फिल्मों के संग रविवार की छुट्टी की मस्ती। बाल-बच्चों के साथ विदेशी भाषा की चुनिंदा फिल्मों को देखने का सुनहला मौका। बालीवुड व विदेशी फिल्मकारों के साथ बातचीत। उनके फिल्म संसार को जानने का मौका। इस...

बच्चों के जरिए कही जानी चाहिए हर प्रदेश की कहानी
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Feb 2017 12:23 AM
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फिल्मों के संग रविवार की छुट्टी की मस्ती। बाल-बच्चों के साथ विदेशी भाषा की चुनिंदा फिल्मों को देखने का सुनहला मौका। बालीवुड व विदेशी फिल्मकारों के साथ बातचीत। उनके फिल्म संसार को जानने का मौका। इस पल को यादगार बनाने के लिए स्मार्ट फोन से सेल्फी भी लेना भी लोग नहीं भूल रहे थे। बोनस में लजीज व्यंजनों का तड़का और बिहार की लोककलाओं को प्रदर्शित कर रहे बाजार की रौनक।

सुबह 10 से रात 8 बजे तक चलती रहीं फिल्में

सचिवालय के अधिवेशन भवन में चल रहे बोधिसत्व इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में रविवार को भी सिनेप्रेमियों की धमाचौकड़ी रही। सुबह के दस बजे से पटना के विदेशी फिल्मों के शौकिनों का आना शुरू हो गया था। भवन के निचले तल्ले में स्थित ऑडी-1 और दूसरे तल्ले पर बने ऑडी-2 और 3 में ठीक दस बजे से फिल्मों का प्रदर्शन शुरू हो गया था। रात 8 बजे तक तीन हॉलों में फिल्में चलती रहीं। इन फिल्मों में चर्चित निर्देशक गौतम घोष की शंखचील,जानेमाने फिल्मकार अदूर गोपालकृष्णन की मलयालम फिल्म स्वयंमवरम, कन्नड़ के चर्चित फिल्मकार अनन्या कसरावल्ली की हरिकथा प्रसंगा प्रमुख रही। हिन्दी में रूची श्रीवास्तव व सुमित खन्ना निर्देशित द मैन हू डवार्फ्ड द माउण्टेन्स,हिन्दी में धीरज मेशराम की बोरोमास। जबकि मलयालम में एम़बी़ पद्मकुमार की रूपान्थरम,असमी भाषा की रीता चौधरी की फिल्म बियां बाउन्ड्रीज,नेपाली भाषा की फिल्म टान्ड्रो(नि.समटेन भूटिया),बांग्ला में सतरूपा संन्याल निर्देशित द इनवोकेशन, नेपाली में अरुणदेव जोशी की फिल्म द स्लेव,खासी में प्रदीप कुरभ की ओनाथ थी। विदेशी भाषाओं की फिल्मों में सिंहली में विशाकेशा चन्द्रशेकाराम की फ्रांगीपानी,स्पैनिश में फरनांडो इपिल्ज की स्ट्रीट आर्ट सिंफनी, सिंहली में प्रसन्न विथांग की विद यू विदाउट यू, अंग्रेजी में इयान विगिन्स की इनसाइड द बेली ऑफ द ड्रैगन शामिल थी।

सिनेप्रेमियों से मुखातिब हुए फिल्मकार,कलाकार

ऑडी -1 में पहली फिल्म समाप्त होने के बाद दोपहर 12 बजे से फिल्मकार व कलाकार दर्शकों से मुखातिब हुए। बाल फिल्म और समाज पर इसका प्रभाव विषय के साथ ही कलाकारों ने अपने फिल्मी सफर के साथ देश-विदेश में बन रहीं फिल्मों को लेकर दर्शकों से अपने अनुभव साझा किए। बाद में फिल्मकारों के साथ सेल्फी भी दर्शक लेते दिखे।

चक दे इंडिया व बीए पास फेम शिल्पा शुक्ला ने कहा कि फिल्मकारों को चाहिए कि वे बच्चों के जरिए ही अपने प्रदेशों की कहानी कहें। हर बच्चे काबिल हैं...उन्हें सही मंच और मौका मिले। चक दे इंडिया की मिसाल देते हुए कहा कि इसमें झारखंड की दो हॉकी खिलाड़ी भी थीं जिसने बाद में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायी। अपने फिल्म सफर की बाबत कहा कि मेरे लिए फिल्मों का चुनाव बहुत जरूरी होता है। मैं सभी तरह की फिल्में नहीं कर सकती। द्रोहकाल व कछुआ चाचा फेम विनीत कुमार ने इस मौके पर अपने बचपन की यादें ताजा कीं और बताया कि कैसे उन्होंने पिता के कहने पर भी झूठ नहीं बोला था। उनकी राय में माता-पिता अपने समझ को विकसित करें। बच्चों को बच्चे ही रहने दें। सहज भाव से उनका लालन-पालन हो। जब तक बच्चें हैं तभी तक दुनिया है। यूनिसेफ प्रतिनिधि निरुपमा गुप्ता ने भारत और खास तौर पर बिहार में बच्चों की आर्थिक सामाजिक और मानसिक दशा का विश्लेषण किया। बच्चों की उस दशा का वर्णन किया जब बच्चे अचानक ही बड़े हो जाते हैं। भारत में बाल श्रमिक और भ्रूण हत्या की स्थिति भी चिंतनीय है।

रिजेन्ट सिनेमा के सुमन कुमार ने कहा कि अभिभावक अपनी पसंद की फिल्में ही बच्चों को देखने को विवश करते हैं। केन्या के फिल्मकार और पटकथा लेखक सिमाया बारोसा ने बताया कि केन्या की सामाजिक परिस्थिति भारत से भिन्न है। इस वजह से वहां की बाल फिल्मों के अंदाज में अंतर है। इस दौरान मांझी द माउण्टेन मैन की बाल कलाकार चांदनी और बलचनवा सिरियल की खुशबू ने भी अपने अनुभव बताए। संचालन आस्ट्रेलिया मूल के फिल्मकार चार्ल्स थामसन ने हिन्दी में किया।

फिल्मकार गोविंद निहलानी व सुधीर मिश्रा होंगे आज फेस्टिवल में

अस्सी के दशक की चर्चित फिल्म अर्द्धसत्य के निर्देशक व जानेमाने फिल्मकार गोविंद निहलानी व निर्देशक सुधीर मिश्रा सोमवार को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के खास आकर्षण होंगे। निहलानी इस महोत्सव के जूरी के अध्यक्ष भी हैं। आयोजक आईएएस अधिकारी गंगा कुमार ने बताया कि मंगलवार को एक और जानीमानी फिल्मी हस्ती फिल्मकार अदूर गोपालकृष्णन फिल्म फेस्टिवल मे दर्शकों से मुखातिब होंगे।

फेस्टिवल की आज की फिल्में ::

सुबह 10 बजे: एंग्री इंडियन गॉडेसेज(हिन्दी-अंग्रेजी,नि.पैन नलिन)

दोपहर 2 बजे : कोथानोड़ी (असमी,नि.भास्कर हजारिका),सद्गति(हिन्दी,नि.सत्यजीत रे)

शाम 4 बजे: जाने भी दो यारों (हिन्दी,नि.कुंदन शाह),अर्द्धसत्य(हिन्दी,नि.गोविंद निहलानी)

शाम 6 बजे : मैरून (हिन्दी,नि.पुलकित),द्रोहकाल(हिन्दी,नि.गोविंद निहलानी)

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