वाणिज्य कर वसूली में बेहतर करने वाले 51 अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। वाणिज्य कर एवं ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने विकास भवन स्थित उद्योग विभाग के सभागार में सभी अधिकारियों को सम्मानित किया।
मंत्री श्री यादव ने कहा कि विभिन्न कारणों से वित्तीय वर्ष 2016-17 में राजस्व संग्रह में कमी आने की संभावना थी, लेकिन अधिकारियों ने बेहतर प्रदर्शन कर अच्छा परिणाम दिया। 18 हजार 750 करोड़ का वाणिज्य कर संग्रह हुआ। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि खराब प्रदर्शन करने पर अधिकारियों को दंडित किया जाता है तो बेहतर करने वालों को सरकार सम्मानित भी करेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह नहीं सोचें कि यह सिर्फ उनके लिए मात्र जिम्मेवारी है, बल्कि राज्य में बालिकाओं के लिए साइकिल, पोशाक योजना, सड़क, बिजली, पुल-पुलिया का निर्माण भी इसी राजस्व संग्रह से होता है। गांव में दिया जलता है, बच्चियां स्कूल जाती हैं। इस मौके पर मंत्री ने विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी के नेतृत्वक्षमता की भी सराहना की और उन्हें सम्मानित किया।
मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर प्रशिक्षण एवं अन्य कार्यों की समीक्षा भी की। कहा कि अंचल कार्यालयों से मुख्यालय को गलत रिपोर्ट भेजने पर कार्रवाई की जाएगी। प्रधान सचिव ने बताया कि जीएसटी के तहत अबतक राज्य में 19 हजार निबंधन हो चुका है। जबकि 1.21 लाख व्यवसायियों ने अस्थायी निबंधन हासिल किया है। डिजिटल हस्ताक्ष्रर के बाद उन्हें स्थायी निबंधन हासिल हो जाएगा। बैठक में वाणिज्यकर अधिकारियों को पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जीएसटी के प्रावधानों की जानकारी दी गयी। इस अवसर पर वाणिज्य-कर विभाग के अवर सचिव अरुण कुमार मिश्र, अपर आयुक्त एसएन झा एवं अरुण कुमार वर्मा, दीपक चानन सहित सभी अंचलों के वाणिज्य कर अधिकारी उपस्थित थे।