बालू के अवैध खनन रोकने के प्रयास तेज किए जाएंगे
राज्य में बालू के अवैध खनन की बढ़ती घटनाओं को रोकने के प्रयास तेज किए जाएंगे। ऐसे घटनाओं के संबंध में आने वाली शिकायतों पर तुरंत अमल किया जाएगा।सूत्रों के मुताबिक विधान परिषद की पर्यावरण व प्रदूषण...
राज्य में बालू के अवैध खनन की बढ़ती घटनाओं को रोकने के प्रयास तेज किए जाएंगे। ऐसे घटनाओं के संबंध में आने वाली शिकायतों पर तुरंत अमल किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक विधान परिषद की पर्यावरण व प्रदूषण नियंत्रण समिति ने अध्ययन के बाद सरकार को बालू के खनन व ढुलाई के संबंध में कई उपयोगी सुझाव दिए हैं। खनन एवं भूतत्व विभाग ने इन पर अमल की तैयारी शुरू कर दी है। समिति ने यह पाया कि अधिकतर नदियों के किनारे बेतरतीब ढंग से बालू का खनन किया जा रहा है।
स्वीकृत व अनुमान्य गहराई से अधिक बड़े और गहरे गड्ढे किए गए हैं। लोगों की आवाजाही वाले स्थानों, आबादी के निकट के स्नान घाटों पर भी बेतहाशा बालू का खनन किया जाता है। इससे बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। बारिश से पानी भरने पर लोगों को नदी के पास घाटों की गहराई का पता नहीं चलता है। विभाग ने भी माना है कि इन खतरनाक गड्ढों में लोगों के गिरने व डूब कर मरने की घटनाएं काफी बढ़ी हैं। ऐसे ही गड्ढे ईंट-भट्ठे वाले भी कर देते हैं।
समिति ने यह निर्देश दिया है कि बालू की लोडिंग व डिस्पैच वाहन पर क्षमता से अधिक बालू नहीं लादा जाए। उनकी ढुलाई तारपोलिन से ढंक कर की जाए। अनुमान्य क्षमता से अधिक लदे वाहन से बालू निरंतर सड़क पर गिरता जाता है और दुर्घटना की घटनाएं अधिक होती है।
समिति के निर्देशों के अनुरूप विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी राजेश कुमार ने सभी खान निरीक्षकों, खनिज विकास पदाधिकारियों आदि संबंधित अफसरों को बालू के अवैध खनन के सभी बिंदुओं की नियमित समीक्षा करने व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने ईंट-भट्ठेदारों द्वारा भी बिना परमिट के नदी के किनारे व सरकारी भूमि से मिट्टी कटाई को रोकने की हिदायत दी है।