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कैल्शियम व विटामिन डी की कमी से घुटने की बीमारी अधिक

प्रदेश में 30 प्रतिशत लोग घुटने की बीमारी से पीड़ित हैं। इसका मुख्य कारण विटामिन डी और कैल्शियम की कमी है। यह समस्या 50 साल से अधिक उम्र वालों में ज्यादा है। बिहार आर्थोपेडिक एसोसिएशन से जुड़े...

कैल्शियम व विटामिन डी की कमी से घुटने की बीमारी अधिक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 14 May 2017 02:13 AM
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प्रदेश में 30 प्रतिशत लोग घुटने की बीमारी से पीड़ित हैं। इसका मुख्य कारण विटामिन डी और कैल्शियम की कमी है। यह समस्या 50 साल से अधिक उम्र वालों में ज्यादा है। बिहार आर्थोपेडिक एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि सूर्य के प्रकाश का लाभ नहीं लेना लोगों की सेहत के लिए महंगा पड़ता जा रहा है।

रविवार को बिहार आर्थोपेडिक एसोसिएशन द्वारा घुटनों की समस्या पर सेमिनार आयोजित किया जाएगा जिसमें देश भर के हड्डी रोग विशेषज्ञ इस विषय पर मंथन करेंगे। महिलाओं में समस्या अधिक सूबे में घुटने की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक है। महिलाओं में 90 प्रतिशत तक कैल्शियम और विटामिन डी की कमी है। सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में आने वाले मरीजों के अध्ययन से पता चला है कि हड्डी की बीमारियों से पीड़ित मरीजों में 30 प्रतिशत केवल घुटने के मरीज हैं। 40 साल के बाद लोगों में आस्टियोपरोसिस बीमारी आम होती जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि केवल सूर्य के प्रकाश का सेवन किया जाए तो 50 प्रतिशत हड्डी की बीमारी नियंत्रित हो जाएगी। रेडियोलॉजिस्ट और हड्डी रोग विशेषज्ञों को मिलकर करना होगा काम सम्मेलन में भाग लेने पटना पहुंची पीजीआई चंडीगढ की अनिंदिता सिन्हा का कहना है कि कभी-कभी पैथोलॉजिकल रिपोर्ट और क्लीनिकल जांच में अंतर हो जाता है। ऐसे में उपचार करने में डॉक्टर को परेशानी होती है। यह समस्या अक्सर हड्डी की बीमारी में होती है। इसीलिए रेडियोलॉजिस्ट और हड्डी रोग विशेषज्ञों के बीच आपसी सामंजस्य का होना जरूरी है। रिपोर्ट और क्लीनिकल जांच में अंतर होने के कई कारण हैं जिसमें जांच करने वालों को ट्रेनिंग का अभाव, इमेजिंग करने का कैसा अनुभव है आदि। विटामिन डी थ्री और डी 12 में क्या है अंतरविटामिन डी थ्री खाद्य पदार्थ जैसे कैल्शियम को हड्डी तक पहुंचाता है। हरी साग सब्जी, दूध आदि में कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाता है।इसकी कमी से हड्डियां काफी कमजोर हो जाती हैं। विटामिन डी 12 नस का भोजन है। इसकी कमी से हाथ पैर में झिनझिनी, सुनापन, कांटे जैसी चुभन आदि होती है। यह हरी सब्जी दूध, चावल और फल में मिलता है। सूर्य के प्रकाश से लाभ हडडी रोग विशेषज्ञ डा राजीव आनंद का कहना है सुबह साढ़े सात बजे से 11 बजे तक का समय सूर्य की रौशनी काफी लाभदायक होती है। सूर्य की रौशनी की पाराबैगनी किरण त्वचा को पार कर वसा में मिल जाता है जिससे विटामिन डी थ्री बनता है। इससे हड्डी मजबूत होती है तथा लीवर, किडनी को लाभ होता है। उनका कहना है कि कम से कम एक घंटे सूर्य की रौशनी में रहना चाहिए। बच्चों के लिए सूर्य की रौशनी और जरूरी है। क्यों हो रही है हड्डियां कमजोरअनियमित दिनचार्या, सूर्य की रौशनी का लाभ न लेना, जंक फूड का सेवन अधिक, मोटापा, भोजन में कैल्शियम पदार्थों की कमी, चोट लगना आदि शामिल है। क्या है उपायनियमित व्यायाम करना, हरी सब्जी, दूध, फल आदि का सेवन करना, सुबह एक घंटा सूर्य की रौशनी में रहना।

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