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समाजवादी पार्टी: यूथ ब्रिगेड को मायूसी से निकालने की दरकार

थोड़ा उम्र का तकाजा और थोड़े तजुर्बे की कमी। जोश तो दिखाया लेकिन होश खो बैठे...। गैरजरूरी रूप से परिवार के झगड़े में पड़े। जो बाहर हो चुके हैं वह फिर से आना चाहते हैं। जो इस सजा से बाहर हैं वह भी कम...

समाजवादी पार्टी: यूथ ब्रिगेड को मायूसी से निकालने की दरकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 22 Sep 2016 02:23 PM
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थोड़ा उम्र का तकाजा और थोड़े तजुर्बे की कमी। जोश तो दिखाया लेकिन होश खो बैठे...। गैरजरूरी रूप से परिवार के झगड़े में पड़े। जो बाहर हो चुके हैं वह फिर से आना चाहते हैं। जो इस सजा से बाहर हैं वह भी कम परेशान नहीं हैं। नेताजी की नसीहत भी अब समझ में आने लगी है। ऐसे में सपा से जुड़े युवा कार्यकर्ता मायूस व ऊहापोह में है।

अंतर्कलह की आंच को  ‘हम सब एक हैं की राख से ढाक जरूर दिया गया है लेकिन इसके अंदर के ‘ताप’ को पार्टी का युवा काडर शिद्दत से महसूस कर रहा है। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की मंशा के हिसाब से प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव युवाओं को एकजुट करने में लग गए हैं। अब इसी यूथ की ऊर्जा को आने वाले आयोजनों में लगाना है।

चार पांच रोज तक पार्टी में चली उठापटक का असर कहीं कहीं समाजवादी युवजन सभा की मुलायम संदेश यात्रा पर भी पड़ा। किसी तरह इसका पहला चरण पूरा हो गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अभी समाजवादी विकास रथ यात्रा निकालनी है। यह आयोजन मुलायम सिंह यादव की आजमगढ़ रैली के बाद होना है। सपा नेतृत्व  इन आयोजनों की कामयाबी के लिए युवा कार्यकर्ताओं को पहले की तरह जोड़ने के लिए उन्हें उत्साहित करने की योजना बना रही है।

पार्टी की चिंता हाल के घटनाक्रम से संभावित नुकसान की भरपाई करने की है। पाटी ने अनुशासन का डंडा तो चला दिया, संभव है कि देर सबेर सभी बर्खास्त नेता सपा में वापस ले लिए जाएं और युवा संगठनों का पुनर्गठन कर दिया जाए। मुलायम सिंह यादव भी जानते हैं कि अखिलेश की युवा व साफ छवि व शिवपाल की सांगठनिक क्षमता का मेल युवाओं को उसी तरह चुनाव मैदान में उतरने के लिए उत्साहित कर सकता है जैसा 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ था। 

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